गहलोत ने अपने इस्तीफे में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में यमुना की सफाई का वादा पिछली चुनावी घोषणा में किया गया था, लेकिन वह वादा पूरा नहीं हो सका। गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि वह जिस ईमानदार राजनीति के चलते आप पार्टी में शामिल हुए थे, वह अब खत्म हो चुकी है। इसके अलावा, गहलोत ने अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को “शीशमहल” करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए।
गहलोत के इस्तीफे के बाद, बीजेपी ने इसे एक सकारात्मक कदम माना। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कैलाश गहलोत ने ईमानदारी से अरविंद केजरीवाल के सामने अहम मुद्दे उठाए हैं, जो बीजेपी पहले से ही दिल्ली की जनता की आवाज बनकर उठा रही थी। सचदेवा ने कहा कि गहलोत ने उन मुद्दों की ओर इशारा किया है, जिनका बीजेपी लगातार विरोध करती रही है, जैसे कि केजरीवाल का ‘शीशमहल’ और अन्य भ्रष्टाचार के आरोप।
वहीं, आप पार्टी के नेता संजय सिंह ने गहलोत के इस्तीफे को बीजेपी की राजनीति से जोड़ते हुए इसे एक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत पर दबाव डालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों से छापे डलवाए गए थे और अब वह बीजेपी के हाथों की कठपुतली बनकर पार्टी छोड़ रहे हैं।