Delhi Pollution: केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए सोमवार सुबह से GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू करने का फैसला किया है। GRAP-4, प्रदूषण नियंत्रण के तहत सबसे सख्त कदमों में से एक है, जिसे तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “गंभीर” श्रेणी में पहुंच जाता है।
क्यों लागू हुआ GRAP-4?
•रविवार रात दिल्ली के कई हिस्सों में AQI 462 के करीब दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है।
•GRAP-3 लागू होने के बावजूद वायु प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ, जिससे कड़े कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की गई।
GRAP-4 के तहत क्या कदम उठाए जाएंगे?
1.निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध: सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी, जिससे धूल का उत्पादन होता है।
2.डिजल वाहन प्रतिबंध: गैर-आवश्यक वाणिज्यिक वाहनों, विशेषकर BS-III और BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध।
3.स्कूल बंद करने पर विचार: प्रदूषण की स्थिति देखते हुए स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है।
4.उद्योगों पर प्रतिबंध: केवल आवश्यक और गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को ही चलाने की अनुमति दी जाएगी।
5.सार्वजनिक परिवहन का प्रोत्साहन: मेट्रो और बस सेवाओं को बढ़ाया जाएगा ताकि निजी वाहनों का उपयोग कम हो।
6.पानी का छिड़काव: सड़कों पर पानी का छिड़काव करके धूल को कम किया जाएगा।
स्थिति का विश्लेषण
•दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के आगमन और पराली जलाने के मामलों में वृद्धि के कारण वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है।
•पिछले सप्ताह GRAP-3 के तहत कई प्रयास किए गए, जैसे निर्माण कार्यों पर आंशिक प्रतिबंध और वाहनों की संख्या कम करना, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा।
यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। सरकार ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें और प्रदूषण कम करने में सहयोग करें।
GRAP-4 के लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। इनमें शामिल हैं:
1. ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंध
•केवल CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को जरूरी सामान ले जाने की अनुमति होगी।
•बाकी सभी प्रकार के ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
2. डीजल गाड़ियों पर रोक
•दिल्ली में रजिस्टर्ड मध्यम और भारी डीजल मालवाहक गाड़ियों की आवाजाही बंद रहेगी।
•निजी BS-III और BS-IV डीजल वाहनों के चलने पर भी पाबंदी होगी।
3. स्कूलों पर प्रभाव
•कक्षा 6 और उससे ऊपर के स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
•प्राइमरी स्कूल खुले रहेंगे, लेकिन ऑनलाइन कक्षाओं के विकल्प पर जोर दिया जा रहा है।
4. ऑनलाइन कक्षाओं का निर्णय
•मुख्यमंत्री आतिशी ने घोषणा की है कि कक्षा 9 तक के सभी स्कूल अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में चलेंगे।
•स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तैयार रहें ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
5. निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध
•सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी।
6. निजी वाहनों का सीमित उपयोग
•नागरिकों से अपील की गई है कि वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग करें और निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें।
7. अन्य कदम
•सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि धूल कम हो।
•वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए CPCB और स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
इन कदमों का उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर को गंभीर श्रेणी से नीचे लाना है और जनता को राहत प्रदान करना है।
सड़क पर वाहनों पर पाबंदी और अन्य उपाय
1. हल्के कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध
•दिल्ली में रजिस्टर्ड हल्के कमर्शियल वाहन (डीजल या अन्य प्रदूषणकारी गाड़ियां) पर प्रवेश प्रतिबंध लगाया जाएगा।
•केवल आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर पाएंगे।
•इससे गैर-जरूरी वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।
2. ऑड-इवन योजना
•दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार निजी वाहनों के संचालन के लिए ऑड-इवन योजना लागू करने पर विचार कर सकती है।
•इस योजना के तहत,
•ऑड नंबर प्लेट वाले वाहन एक दिन चलेंगे।
•इवन नंबर प्लेट वाले वाहन अगले दिन चलेंगे।
•इससे सड़क पर वाहनों की संख्या आधी हो जाएगी, जो प्रदूषण में कमी लाने का प्रभावी तरीका है।
3. अन्य उपाय
•कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन: नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन, मेट्रो, बस, और कारपूलिंग का अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
•इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग: इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी।
•वाहनों की इमरजेंसी सेवाओं: एंबुलेंस, दमकल, और अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को इन प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी।
उद्देश्य
इन उपायों का लक्ष्य दिल्ली-एनसीआर में वाहन प्रदूषण को कम करना और वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है, ताकि जनता को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार सुनिश्चित हो सके।
देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर: दिल्ली
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को और खराब हो गई, जब शाम 4 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 441 तक पहुंच गया। यह इसे देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना देता है।
सबसे प्रदूषित शहर
•हरियाणा का बहादुरगढ़: AQI 445 के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा।
•दिल्ली इस सूची में दूसरे स्थान पर रहा।
दिल्ली की स्थिति
•40 निगरानी स्टेशनों में से 32 स्टेशनों पर AQI 400 से अधिक दर्ज किया गया।
•AQI का यह स्तर गंभीर श्रेणी में आता है, जो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
प्रदूषण का असर
•गंभीर श्रेणी का AQI: यह स्थिति स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर सकती है और बीमारियों से जूझ रहे लोगों की स्थिति को और बिगाड़ सकती है।
•मुख्य कारण:
•वाहनों का उत्सर्जन
•पराली जलाना
•निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल
सरकार और नागरिकों को मिलकर इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अहम सुनवाई होगी। यह याचिका दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण नियंत्रण के प्रभावी उपायों को लागू करने की मांग को लेकर दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को पहले 14 नवंबर को तत्काल सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आग्रह किया है कि दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार होने से बचाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है, जिसमें पराली जलाने, वाहन उत्सर्जन, और निर्माण कार्यों से निकलने वाले धूल-धुएं जैसी समस्याएं प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
इस सुनवाई से उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट प्रभावी और त्वरित उपायों के निर्देश देगा, जिससे प्रदूषण की समस्या पर लगाम लगाई जा सके।