ग्वालियर में हाल ही में हुई हत्याएं, लूट और गोलीबारी की घटनाओं ने शहर में सनसनी मचा दी है और जनता में दहशत फैल गई है। इन वारदातों के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं, जिससे प्रदेशभर में ग्वालियर को लेकर हड़कंप मच गया है। इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए, प्रदेश के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने सोमवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से शहर की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की और अधिकारियों को इन अपराधों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाने की बात कही। इस बैठक में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदमों पर भी विचार किया गया।
प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने बैठक के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि “अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, पुलिस का खौफ नजर नहीं आता” और यह स्थिति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सड़क पर नहीं, बल्कि सलाखों के पीछे होना चाहिए। मंत्री ने आगे कहा, “चार नहीं, 14 एनकाउंटर करो, अपराधियों को उन्हीं की भाषा में समझाओ, लेकिन किसी भी हालत में अपराध पर नियंत्रण करो और अपराधियों में पुलिस का खौफ दिखना चाहिए”। इस बयान के माध्यम से मंत्री ने पुलिस को कड़ी कार्रवाई और तेजी से अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की दिशा में निर्देश दिए, ताकि शहर में कानून व्यवस्था बहाल हो सके और आम नागरिकों को सुरक्षा का अहसास हो।
ग्वालियर में हाल ही में हुई ताबड़तोड़ वारदातों के सिलसिले को देखते हुए, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक बुलानी पड़ी। यह लंबे समय बाद हुआ जब मंत्री को इस तरह की स्थिति में हस्तक्षेप करना पड़ा। बैठक में संभागायुक्त मनोज खत्री, आइजी अरविंद सक्सेना, डीआइजी अमित सांघी, कलेक्टर रुचिका चौहान, एसपी धर्मवीर सिंह और निगमायुक्त अमन वैष्णव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में मंत्री ने रात 11:30 बजे के बाद बाजारों को बंद करने के भी निर्देश दिए, ताकि रात के समय अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से अपराध नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने और पुलिस की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए सख्त निर्देश दिए।
ऑनलाइन बैठक में प्रभारी मंत्री और एसपी के बीच चर्चा
प्रभारी मंत्री ने ग्वालियर में बढ़ते अपराध पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि नवंबर माह में हुई करीब पांच हत्याओं से साफ है कि अपराधियों के हौसले बहुत बढ़ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब बड़े शहरों जैसे ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और जबलपुर में अपराध होते हैं, तो उनका असर पूरे राज्य पर पड़ता है। मंत्री ने अपराधियों को “उन्हीं की भाषा में समझाने” की जरूरत पर जोर दिया।
इस पर एसपी ने जवाब देते हुए कहा कि पिछले साल की तुलना में अपराध कम हुए हैं और घटनाओं की संख्या में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि चार एनकाउंटर किए गए हैं और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें उनके जुलूस निकालने जैसी कार्रवाई भी शामिल है।
प्रभारी मंत्री ने एसपी के जवाब को खारिज करते हुए कहा कि आंकड़े कम होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि एक भी हत्या या बलात्कार नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह डा. मोहन यादव की सरकार है, जो प्रदेश को भयमुक्त और अपराधियों से मुक्त बनाने का संकल्प ले चुकी है। उन्होंने और अधिक सख्त कदम उठाने की बात करते हुए कहा, “चार नहीं, 14 एनकाउंटर करो”, और हाल की सिलसिलेवार घटनाओं को लेकर भी सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता जताई।
प्रभारी मंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा
“अपराधियों के खिलाफ खुलकर एक्शन लीजिए। एक्शन प्लान तैयार कीजिए। यहाँ पर सभी पुलिस अधिकारी मौजूद हैं, आप सभी मिलकर एक्शन प्लान तैयार करें। सरकार हर कदम पर आपके साथ है। बताइए, क्या संसाधन आपको चाहिए और किस तरह का सहयोग चाहिए।” मंत्री ने इस दौरान पुलिस विभाग से एक स्पष्ट और सख्त कार्य योजना की मांग की, जिससे अपराधों पर तत्काल काबू पाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर तरह से पुलिस बल को सहयोग और संसाधन मुहैया कराएगी, ताकि अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की जा सके और प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो।
प्रभारी मंत्री ने बैठक में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ मन्नू कोरी की घटना को ग्वालियर के लिए “कलंकित कर देने वाली घटना” बताया। उन्होंने कहा, “घटना के कारण कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन ऐसा क्यों हुआ, इस पर विचार किया जाना चाहिए। यह इसलिए हुआ क्योंकि अपराधियों में खौफ नहीं है। आप लोग कह रहे हैं कि हत्या आपसी रंजिश में हुई, लेकिन क्या इन्हें रोका नहीं जा सकता था? पुलिस की वर्दी है तो इसका खौफ दिखना चाहिए।” मंत्री ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई और कहा कि अपराधियों को पुलिस की वर्दी से डरना चाहिए और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को और अधिक प्रभावी कदम उठाने होंगे।
प्रभारी मंत्री ने बैठक में कहा कि शहर में भू-माफिया और सट्टे का धंधा तेजी से फैल रहा है, और यही अपराधों का एक प्रमुख कारण बन रहा है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से अपील की कि वे भू-माफिया के गिरोहों को चिन्हित करें और उन पर सख्त कार्रवाई करें। मंत्री ने कहा, “कौन से गुंडे जमीनों के काम कर रहे हैं, उन्हें पहचानें और जिलाबदर करें, रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाएं। इन भू-माफियाओं की कमर तोड़ें।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जमीन संबंधी मामलों को हल करने के लिए कैंप लगाकर समाधान किया जाए, ताकि लोगों को न्याय मिल सके और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।