Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। न्यायालय ने 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, एनसीआर के सभी राज्यों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
यह निर्णय न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ द्वारा एक याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया। याचिका में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। इस कदम का उद्देश्य बच्चों और नागरिकों को प्रदूषण के खतरनाक प्रभाव से बचाना है। न्यायालय ने राज्यों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त और प्रभावी उपाय करने के लिए भी कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर सख्त रुख अपनाते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करने में देरी को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बावजूद GRAP के सभी चरणों को लागू करने में सुस्ती दिखाई गई और मौसम की स्थिति में सुधार का इंतजार किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि GRAP के चौथे चरण के तहत लगाए गए प्रतिबंध बिना अदालत की अनुमति के हटाए नहीं जा सकते। साथ ही, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने में तत्परता दिखाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह कदम दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों को प्रदूषण के गंभीर प्रभावों से बचाने के लिए उठाया गया है। कोर्ट का यह रुख प्रशासनिक लापरवाही को रोकने और वायु गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के सभी राज्यों को GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चौथे चरण को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि इन राज्यों को तुरंत टीमें गठित करनी चाहिए जो GRAP-4 के तहत आवश्यक कार्यों की निगरानी करें और इसका पालन सुनिश्चित करें।
इसके साथ ही, कोर्ट ने केंद्र और एनसीआर के राज्यों से कहा कि वे GRAP-4 के तहत बताए गए कदमों पर त्वरित निर्णय लें और इसे अगली सुनवाई से पहले अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें। सुप्रीम कोर्ट ने एक शिकायत निवारण तंत्र बनाने का भी निर्देश दिया, ताकि GRAP-4 के नियमों के उल्लंघन की शिकायतें दर्ज की जा सकें और उनकी प्रभावी रूप से सुनवाई हो सके। यह कदम प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक कार्रवाई को त्वरित और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) को जारी रखने का आदेश दिया है, भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से नीचे आ जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक वह आगे कोई आदेश नहीं देता, तब तक GRAP-4 के प्रावधानों को लागू रखा जाएगा। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकारों को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सरकारों का संवैधानिक दायित्व है कि वे नागरिकों को प्रदूषण-मुक्त वातावरण प्रदान करें। इसके साथ ही, GRAP-3 और GRAP-4 के सभी प्रावधानों को लागू करते हुए सरकार को स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया है। यह आदेश प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारों पर और अधिक जिम्मेदारी डालता है, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं बंद करने के संबंध में तत्काल निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को अन्य कक्षाओं की तुलना में अभी भी स्कूल में उपस्थित होना पड़ रहा है, जबकि प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर के सभी राज्य तत्काल यह निर्णय लें कि 12वीं कक्षा तक के सभी छात्रों की कक्षाएं बंद की जाएं। यह आदेश छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, ताकि उन्हें प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाया जा सके।