सालों से विपक्ष में बैठ कर सत्ता का सपना देखने वाली कांग्रेस अब शीतकालिन सत्र में जनहित के मुद्दों पर प्रदेश सरकार को घेरने के दावें कर रही है। अब तक तो कांग्रेस ने एक भी मुद्दे पर कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं किया है अब एक विधानसभा सत्र में ही मुद्दे उठा कर वह सरकार के कई काम को भी प्रभावित करने का मन बना रहे है। अब देखना यह है कि कांग्रेस किस हद तक जनहित के मुद्दे उठा कर जनता को फायदा पहुंचा सकेगी।
16 दिसबंर से है शीतकालिन सत्र
16 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए कांग्रेस विधायकों से प्रश्न लगवाए जा रहे हैं। इसमें, ओबीसी आरक्षण, के साथ ही कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित नगरीय विकास एवं आवास, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कई कार्यों का लेखा- जोखा मांगा गया है।
कर्मचारियों को साधने का प्रयास
कांग्रेस अब प्रदेश में कर्मचारियों के मुद्दे भूनाने का प्रयास कर रही है। वहीं आठ वर्ष से लगभग सभी विभागों में पदोन्नतियां बंद हैं। हजारों कर्मचारी पदोन्नति के पात्र होने के बाद भी पदोन्नति के बिना ही सेवानिवृत्त हो गए। न्यायालय में आरक्षण का मामला अभी भी लंबित है और 13 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण रोककर रखा गया है। लोक निर्माण विभाग में भी लगातार अनियमितता के प्रकरण सामने आ रहे हैं तो कई परियोजनाओं पर अभी तक काम ही प्रारंभ नहीं हुआ है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा की गई घोषणाओं पर भी प्रदेश सरकार ने कोई ठोस कदम उठा कर सभी जरूरदमंदों तक नहीं पहुंचाया है। अब देखना यह है कि विधानसभा सत्र में कांग्रेस कितना दम दिखा पाएगी।