Guru Pushya Yog: धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से गुरु पुष्य योग को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह विशेष योग तब बनता है जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र उदित होता है। इसे गुरु पुष्य नक्षत्र या अमृत योग भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, 27 नक्षत्रों में गुरु पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र है, और इस दिन विशेष रूप से कोई भी शुभ कार्य करना लाभकारी माना जाता है।
गुरु पुष्य योग के देवता बृहस्पति (गुरु) और शनि देव हैं, और यह समय विशेष रूप से खरीदारी और नए काम की शुरुआत के लिए उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, अन्य दिनों में भी शुभ मुहूर्त होते हैं, लेकिन गुरु पुष्य योग को खरीदारी के लिए विशेष महामुहूर्त माना जाता है। इस दिन घर या मकान की खरीदारी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, वस्त्र, किताबें आदि खरीदी जा सकती हैं।
पूर्णकालिक गुरु पुष्य योग (Purna Guru Pushya Yog)
साल 2024 का आखिरी गुरु पुष्य योग 21 नवंबर को पड़ेगा। यह दिन गुरुवार होगा और इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पुष्य नक्षत्र रहेगा, जिससे यह पूर्णकालिक गुरु पुष्य योग कहलाएगा। इस दिन गुरु पुष्य योग के साथ-साथ रवि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, जिससे यह समय अधिक फलदायी और शुभ रहेगा।
गुरु पुष्य योग पर खरीदारी का महामुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, 21 नवंबर को गुरु पुष्य योग विशेष रूप से स्थिरता और समृद्धि लाने वाला होगा। इस दिन सुबह 6:49 से लेकर दोपहर 3:35 तक शुभ मुहूर्त रहेगा, जो विशेष रूप से खरीदारी और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त है। इस समय में आप पीले रंग की वस्त्र, धार्मिक सामग्री, किताबें, वाहन, मकान, और सोने-चांदी जैसी कीमती चीजों की खरीदारी कर सकते हैं।
चार योगों का संयोग
21 नवंबर को गुरु पुष्य योग के साथ रवि योग, अमृत सिद्धि योग और शुभ योग भी रहेगा, जो इस दिन को और भी खास बना देगा। इन चारों योगों का संयोग चार गुणा फल देने वाला होगा, जिससे यह दिन अत्यंत शुभ और फलदायी रहेगा।
इस प्रकार, 21 नवंबर को बनने वाला गुरु पुष्य योग खास रूप से खरीदारी, नए कार्यों की शुरुआत, और मांगलिक कार्यों के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जा रहा है।