स्वतंत्र समय, भोपाल
कृषि विभाग ने अनुदान के नाम पर किसानों को घटिया गुणवत्ता का बीज बांट दिया है। बीज ग्राम योजना के तहत उन्नत किस्म का बीज ( Seed ) उत्पादित करने के लिए यह बीज इस महीने की शुरूआत में प्रदेश भर के किसानों को उपलब्ध कराया गया। किसानों ने बोवनी के लिए जब बोरे खोले तो उन्हें घुन लगा और घटिया गेहूं मिला है। भोपाल, रायसेन, विदिशा सहित प्रदेश के कई जिलों से इसकी शिकायतें मिली हैं।
कृषि विभाग किसानों के बेहतर Seed उपलब्ध कराता है
दरअसल, कृषि विभाग बीज ( Seed ) निगम से गेहूं के बीज की 8737 (अनमोल ) किस्म किसानों के लिए उपलब्ध करवा रहा है। सभी पंचायतों में कृषि विस्तार अधिकारियों के जरिए यह बीज किसानों को अनुदान पर दिया गया। भोपाल के ग्राम भैंरोपुरा, डोबरा, खजूरी कलां सहित अन्य गांव के छोटे किसानों ने कृषि विस्तार अधिकारी (ग्राम सेवक ) से करीब 1200 रुपए के हिसाब से आठ हजार 737 बोरियां ली थी। विभाग द्वारा भेजे गए बीज पर किसानों को भरोसा था, लेकिन जब उन्होंने बोवनी के समय इसे खोलकर देखा तो वह पूरा खराब निकला। गेहूं में घुन लग चुका था, उनमें कीड़े पड़ गए थे। किसानों ने कृषि विभाग के अफसरों से मिलकर इसकी शिकायत की है, लेकिन अभी तक उन्हें दूसरे बीज का विकल्प भी नहीं मिला है। बोवनी का समय बीत रहा है, इसलिए किसान भी परेशानी में हैं। बताया जाता है कि कृषि विभाग द्वारा गांव के किसानों को बेहतर किस्म का बीज उपलब्ध कराने बीज निगम से गेहूं लेता है और फिर बीज ग्राम योजना के तहत सभी कृषि विस्तार अधिकारियों को करीब 50-50 बोरियां उपलब्ध कराता है। यह अधिकारी प्रति किसान को सिर्फ 40 किलोग्राम बीज यानी एक बोरी देता है। प्रदेश में गेहूं की फसल बोवनी का रकबा हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। पिछले सालों का रिकार्ड देंखे तो अधिकतम 95 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी हुई थी। अब इस बार 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बढक़र 110 लाख हेक्टेयर पहुंचने की संभावना है।
बोवनी के लिए करनी पड़ रही जद्दोजहद
गेहूं की बोवनी के लिए कृषि विस्तार अधिकारी से हमने चार नवंबर को 8737 बीज खरीद था। हमने पूरी तैयारी कर ली थी,जैसे ही बोवनी के लिए बोरियां खोलकर देखीं तो कीड़े रेंग रहे थे। हाथ में बीज लिया तो आटा लग रहा था। ऐसे में अब दोबारा से मेहनत करनी पड़ रही है। अब तक बीज नहीं मिला है।
-अजय सिंह ठाकुर, किसान, ग्राम डोबरा जागीर
पंचायत से कृषि विस्तार अधिकारी ने जो बीज दिया है। उसकी बोरी खोलने पर वह घुन लगा हुआ खराब निकला है। कई बार बदलने के लिए बोला तो कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में मजबूर होकर खराब गेहूं की बोवनी करना पड़ रही है। इससे हमारी उपज पर असर पड़ेगा।
-प्रीतम सिंह अहिरवार, किसान, ग्राम भैंरोपुरा