यूपी में मुस्लिम बाहूल्य विधानसभा में भी बीजेपी के प्रत्याशियों की जीत ने पुरे देश को चौंका दिया है। योगी पर अधिकत्तर मुस्लिम विरोधी सीएम होने का आरोप लगाया जाता है। लेकिन यूपी में इस बार हुए विधानसभा उपचुनाव में कई मुस्लिम बाहुल्य सीट पर बीजेपी के प्रत्याशियों ने बढ़त बनाई है या जीत दर्ज करा ली है। वहीं यूपी की सबसे चर्चित सीतामऊ सीट पर सपा ने जीत हासिल की। तो वहीं,दूसरी सबसे चर्चित सीट कुंदरकी सीट पर भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने 87 हजार वोटों से जीत हासिल की। 1993 के बाद 31 सालों बाद इस सीट पर एक बार फिर बीजेपी ने जीत हासिल की है। यह बीजेपी की एतिहासिक जीत मानी जा रही है जब कुंदरकी सीट पर किसी हिंदू प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। बता दें कि भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने 11 मुस्लिम प्रत्याशियों के बीच जीत दर्ज करा कर योगी का डंका पूरे देश में बजा दिया है। मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा की जीत ने यह बता दिया है कि अब यूपी की जनता भी विकास को तवज्जों दे रही है। इनके लिए अब जातिगत समीकरणों से ऊपर विकास है।
सपा से टक्कर ले रही भाजपा
यूपी में कई सालों तक सपा, बसपा और कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। यहां पर बीजेपी ने जब सरकार बनाई तो बीजेपी की सरकार को मुस्लिम विरोध बता कर लगातार आरोप लगाए गए लेकिन जब मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की तो इस विधानसभा उपचुनाव के बदले समीकरणों ने पुरे यूपी में बदलाव की लहर फैंला दी है। यहां अब भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को 36 सीटें ही मिली थी, जबकि इंडिया गठबंधन को 43 सीटें मिली थीं। यह उप चुनाव का परिणाम दर्शाएगा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रदेश पर पकड़ मजबूत बनी हुई है या अखिलेश यादव पर जनता का भरोसा बढ़ रहा है।