महाराष्ट्र में ओवैसी की रणनीति को मिली करारी शिकस्त! 1 फीसदी वोट भी नहीं पा सके AIMIM चीफ

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है। पार्टी ने इस चुनाव में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन चुनावी परिणाम उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। AIMIM ने इस बार 14 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन अब तक उसे केवल 1 सीट पर ही बढ़त मिलती दिख रही है, जो पार्टी के लिए एक निराशाजनक परिणाम है।

AIMIM का मुस्लिम और दलित वोट बैंक पर फोकस, फिर भी सफलता दूर

एआईएमआईएम ने इस चुनाव में मुस्लिम और दलित वोटों का गठबंधन बनाने की रणनीति अपनाई थी, लेकिन यह रणनीति अपने लक्ष्य को हासिल करने में असफल रही। पार्टी का मुख्य फोकस मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर था, और उसने दलितों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की थी, लेकिन इस प्रयास के बावजूद वह पर्याप्त वोट बैंक जुटाने में नाकाम रही।

पिछली हार से सबक नहीं मिला, वोट प्रतिशत में कमी

2019 के विधानसभा चुनाव में भी एआईएमआईएम का प्रदर्शन कमजोर रहा था। उस चुनाव में पार्टी ने 44 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे महज 0.91% वोट ही मिल सके और केवल दो सीटों (औरंगाबाद सेंट्रल और मालेगांव सेंट्रल) पर जीत दर्ज की थी। 2014 में भी पार्टी ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था और दो सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन उसके बाद भी राज्य स्तर पर उसकी राजनीतिक ताकत सीमित ही रही।

गठबंधन न होने के कारण AIMIM का प्रभाव घटा

2014 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के साथ गठबंधन की पेशकश की थी, लेकिन एमवीए ने इसके लिए हामी नहीं भरी। नतीजतन, ओवैसी की पार्टी का प्रभाव सीमित रहा और वह अधिक सीटों पर जीत हासिल नहीं कर पाई। गठबंधन न होने का यही नुकसान अब फिर से दिखाई दे रहा है, क्योंकि AIMIM को इस बार भी चुनावी लाभ नहीं मिला।

14 सीटों में से महज 1 पर बढ़त, AIMIM का प्रदर्शन खराब

एआईएमआईएम ने 14 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन अब तक वह सिर्फ एक सीट पर ही बढ़त बनाए हुए है। यह पार्टी के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आया है, क्योंकि उसने इस चुनाव में अधिक सीटों पर उम्मीद जताई थी। इस बार के चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो रहा है कि एआईएमआईएम अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने में पूरी तरह से नाकाम रही है।