मोबाइल नेटवर्क पर सरकार सख्त, 1 दिसंबर से बदल सकता नियम, Jio, Airtel, Voda और BSNL सिम वाले दें ध्यान

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने स्कैम और फिशिंग को रोकने के लिए कमर्शियल मैसेजिंग को लेकर एक नया ट्रेसेबिलिटी नियम लागू करने की समयसीमा 1 दिसंबर 2024 तय की है। यह नियम ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) और अन्य प्रमोशनल मैसेज के माध्यम से होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को नियंत्रित करने के लिए लाया गया है। इससे पहले, इसकी डेडलाइन 1 नवंबर 2024 थी, लेकिन कंपनियों को तैयारी के लिए अधिक समय देने के उद्देश्य से इसे एक महीने का एक्सटेंशन दिया गया।

नियम का उद्देश्य:

1.फ्रॉड और फिशिंग को रोकना: यह ट्रेसेबिलिटी नियम मैसेज के स्रोत को ट्रैक करना और अवैध या संदिग्ध गतिविधियों को रोकने के लिए बनाया गया है।
2.उपभोक्ता सुरक्षा: ग्राहकों को बिना सहमति के अनचाहे मैसेज से बचाना।
3.ऑपरेशनल ट्रांसपेरेंसी: सभी प्रमोशनल और ओटीपी मैसेज को वैध प्लेटफॉर्म से प्रमाणित करना।

इस नियम के तहत, सभी टेलीमार्केटर्स और प्रमोशनल मैसेज भेजने वाले संगठनों को अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी और नियामक दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इससे उपभोक्ताओं के लिए एक सुरक्षित संचार वातावरण बनने की उम्मीद है। TRAI ने कमर्शियल मैसेज और ओटीपी से जुड़ी धोखाधड़ी पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बनाई थी। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को फिशिंग और फ्रॉड से बचाना था, जिसमें स्कैमर्स अक्सर ओटीपी का एक्सेस लेकर व्यक्तिगत या वित्तीय डेटा चोरी कर लेते थे।

पृष्ठभूमि और समस्या:

1.टेलीकॉम ऑपरेटर्स की परेशानियां:

एयरटेल, वोडाफोन, और जियो जैसे ऑपरेटर्स ने TRAI को सूचित किया था कि टेलीमार्केटर्स के बड़े हिस्से ने नए नियमों के लिए तैयारी पूरी नहीं की है।
•प्रमोशनल मैसेज और ओटीपी को ब्लॉक करने में उन्हें तकनीकी और लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
•इसके चलते वैध मैसेज भी कभी-कभी ब्लॉक हो जाते थे, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों को असुविधा हुई।

2.ग्राहकों की परेशानी:

अनचाहे कमर्शियल मैसेज, जिनमें कई बार स्कैम और फिशिंग शामिल होते हैं, उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे थे। कई मामलों में, स्कैमर्स ओटीपी हासिल कर बैंकिंग फ्रॉड को अंजाम देते थे।

TRAI की कार्रवाई:

TRAI ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए टेलीकॉम ऑपरेटर्स और अन्य हितधारकों को सुधार लागू करने के लिए समय सीमा (पहले 1 नवंबर, फिर 1 दिसंबर 2024) दी।

नए नियमों की आवश्यकता:

•प्रमोशनल मैसेज और ओटीपी को ब्लॉक और मॉनिटर करने के लिए ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करना।
•वैध टेलीमार्केटर्स को पंजीकरण और प्रमाणीकरण के लिए बाध्य करना।
•उपभोक्ता डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपाय लागू करना।

अभी की स्थिति:

हालांकि, 1 दिसंबर तक नियम लागू करने की समय सीमा है, लेकिन अभी तक TRAI ने इस मामले पर कोई नया बयान जारी नहीं किया है। माना जा रहा है कि ऑपरेटर्स की चुनौतियों और टेलीमार्केटर्स की तैयारी को ध्यान में रखते हुए TRAI इस पर अंतिम निर्णय लेगा। आगे की अपडेट के लिए TRAI की घोषणाओं और टेलीकॉम सेक्टर की प्रगति पर नजर बनाए रखना जरूरी है।

यह बदलाव दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा एक नई नीति के तहत किया जा सकता है, जिसका उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखना है। पहले 1 अक्टूबर को लागू होने वाली यह नीति अब 1 दिसंबर तक बढ़ाई गई है। TRAI ने इसे लागू करने के लिए सख्ती से कदम उठाए हैं और सभी संबंधित पक्षों को जल्द से जल्द इसे मान्यता देने के लिए निर्देशित किया है। इसका उद्देश्य यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाना और संभावित धोखाधड़ी या गलत प्रैक्टिसेज को रोकना है।

हाल ही में TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को एक नया आदेश दिया है, जिसमें उन्हें अपने नेटवर्क की उपलब्धता से संबंधित सभी जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने को कहा गया है। इस जानकारी को मैप के माध्यम से भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि यूजर्स को यह समझने में आसानी हो कि उनके क्षेत्र में नेटवर्क की उपलब्धता कहां है और कहां नहीं। यह कदम टेलीकॉम क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने और यूजर्स को बेहतर सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे यूजर्स अपने क्षेत्र में नेटवर्क कवरेज को बेहतर तरीके से जान सकेंगे।