UP News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार सुबह एक कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे टीम पहुंची, लेकिन जैसे ही सर्वे शुरू हुआ, इलाके की गलियों में भारी संख्या में लोग जमा हो गए। इसके बाद नारेबाजी के साथ ही प्रदर्शनकारी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का प्रयोग किया। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और पुलिस बल सुरक्षा के लिहाज से वहां मौजूद है।
19 नवंबर को मस्जिद के अंदरूनी हिस्से का सर्वे रात में किया गया था, जिसके बाद बाहरी हिस्से के सर्वे के लिए 24 नवंबर की तारीख तय की गई थी। रविवार को दोनों पक्षों की सहमति से सर्वे टीम मस्जिद पहुंची। नमाजियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सुबह की नमाज के बाद 7.30 बजे का समय निर्धारित किया गया था। हालांकि, सर्वे के दौरान कुछ लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने कुछ युवकों को गिरफ्तार किया। वर्तमान में सर्वे को रोक दिया गया है, और प्रशासन का कहना है कि जब स्थिति सामान्य होगी, तब सर्वे फिर से शुरू किया जाएगा। 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करना है।
जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर प्रकरण के बाद से शहर में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था। इस मामले में मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और प्रतिवादी पक्ष के कई लोग भी मौजूद थे। इस दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी मामले को लेकर चर्चा कर रहे थे, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान सुरक्षा को लेकर मुरादाबाद और बरेली मंडल के लगभग आठ जिलों का पुलिस बल तैनात किया गया था। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जामा मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बांस बल्ली से बेरिकेडिंग की गई और पीएसी जवानों को तैनात किया गया। इसका उद्देश्य यह था कि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचते हुए लोगों की भीड़ को मस्जिद की ओर जाने से रोका जा सके और इलाके में शांति बनाए रखी जा सके।
रविवार की सुबह अचानक एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव अपनी टीम के साथ जामा मस्जिद पर पहुंचे। उनके साथ जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई, और भारी संख्या में पुलिस बल व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यह टीम मस्जिद के सर्वे के लिए पहुंची थी, ताकि कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जा सके। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ा किया गया था।
इस दौरान जामा मस्जिद के आसपास बेरिकेडिंग पर भारी संख्या में पीएसी और आरआरएफ जवानों को तैनात किया गया था, जो वहां से गुजरने वाले सभी लोगों को रोक रहे थे। अधिकारियों के अचानक जामा मस्जिद पहुंचने और भारी पुलिस बल के साथ मौजूद होने पर शहर में खलबली मच गई थी। स्थानीय लोग असमंजस में पड़ गए थे, और स्थिति को लेकर अनिश्चितता की भावना पैदा हो गई थी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बढ़ी हुई सतर्कता ने लोगों के बीच चिंता और चर्चा का माहौल बना दिया।