भोपाल में मंत्रियों के बंगलों पर दिखे engineers तो खैर नहीं

स्वतंत्र समय, भोपाल

ट्रांसफर करवाने और रुकवाने के लिए राजधानी में मंत्री, विधायकों और अफसरों के बंगलों और दफ्तरों में चक्कर काटने वाले इंजीनियरों ( engineers ) पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने अपने इंजीनियरों को हिदायत दी है कि भोपाल या कहीं और जाने की बजाय काम पर ध्यान दें और मुख्यालय में मौजूद रहें। यदि मंत्री बंगलों पर चक्कर लगाते देखें गए तो उनकी खैर नहीं होगी।

अब engineers मर्जी से कार्यक्षेत्र से बाहर नहीं जा सकते

विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि अगर अवकाश पर जाना है तो अवकाश देने के लिए अधिकृत कलेक्टर, कमिश्नर, ईएनसी या शासन से परमिशन लेकर ही छुट्टियां मनाएं। अगर किसी अधिकारी के खिलाफ बगैर परमिशन छुट्टी पर जाने का मामला सामने आया तो सरकार इस पर सख्त एक्शन लेगी। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ( engineers ) के मुख्यालय से बाहर रहने को गंभीरता से लिया है। निर्देश में कहा -अक्सर यह देखने में आता है, विभाग में पदस्थ अधिकारी बगैर अनुमति के भोपाल या अपने कार्यक्षेत्र से बाहर चले जाते हैं। इससे सरकारी कामकाज पर असर पड़ता है। साथ ही शासन द्वारा कोई जानकारी मांगने पर समय पर डिटेल और दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं।

मनचाही पोस्टिंग और प्रभार के लिए लगाते हैं चक्कर

लोक निर्माण विभाग के अफसरों के अनुसार, विभाग के इंजीनियर भोपाल के चक्कर इसलिए लगाते हैं क्योंकि वे कमाई वाले इलाकों में मलाईदार पोस्टिंग पाना चाहते हैं। इसके लिए ये अधिकारी कभी मंत्री तो कभी प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्माण भवन और कभी मंत्रालय में चक्कर काटते रहते हैं। इसका सीधा असर फील्ड में होने वाले निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग पर पड़ता है और प्रोजेक्ट समय सीमा में पूरे नहीं हो पाते। ऐसी स्थिति में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सीनियर पदाधिकारी की परमिशन के बिना अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।