कांग्रेस पार्टी अब एक बार फिर ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रही है। वही सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की जनहित याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा याचिका को खारिज करने के बाद कांग्रेस ने ईवीएम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। इसके तहत कांग्रेस अब भारत जोड़ों यात्रा की तरह पदयात्रा निकाल कर ईवीएम के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास कर करेंगी।
खरगे ने उठाए ईवीएम पर सवाल
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव की मांग की है। खरगे ने कहा कि जितनी भी शक्ति लगाकर एससी-एसटी सहित ओबीसी के लोग अपना वोट दे रहे हैं वो वोट फिजूल जा रहा है। हमने जैसे भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी, वैसे ही बैलेट पेपर से चुनाव के लिए एक देशव्यापी अभियान चलाएंगे।
अहमदाबाद के गोदाम में रख दो ईवीएम
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि ईवीएम को अहमदाबाद में कई गोदाम हैं। वहां रख देना चाहिए। जब बैलेट पेपर से चुनाव होगा। तो भाजपा को अपनी हालत का पता चलेगा। खरगे ने कहा कि वे अन्य राजनैतिक पार्टियों को भी इस मुहिम से जोड़ेगी।
कांग्रेस ने हार का ठिकरा ईवीएम पर फोड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर मतदान प्रणाली फिर शुरू करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट का कहना है कि अब इस मामले में बहस की जगह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विक्रम नाथ और पी.बी. वराले की पीठ ने कहा कि जब नायडू या रेड्डी हारते हैं तो दोष ईवीएम पर देते है। जीतने पर कुछ नहीं कहते।
शरद पवार भी बिफरें
शरद पवार गुटी की एनसीपी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र अव्हाड ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में एक ही परिवार में 32 वोट थे। सभी लोगों ने परिवार के प्रत्याशी को वोट दिया। लेकिन ईवीएम ने फिर भी उन्हें जीरो वोट दिखाए। वहीं अव्हाड ने कहा कि कांग्रेस के जीते हुए विधायकों ने भी कहा कि कहीं न कहीं ईवीएम का बड़ा मसला है। इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन चलना चाहिए।