मध्यप्रदेश में संगठन चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। दिसंबर तक प्रदेश भर में भाजपा के मंडल और जिला अध्यक्ष नियुक्त कर दिए जाएगे। संगठन का चुनाव दो चरणों में होगा। वहीं संगठन चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश कार्यालय में एक कार्यशाला भी आयोजित की गई।
पार्टी ने जारी की गाइडलाइन
बीजेपी संगठन ने केंद्र नेतृत्व की दिशा के अनुसार गाइडलाइन तैयार की है। इसमें वह कार्यकर्ता या नेता जिस पर कोई भी प्रकरण दर्ज है। उसे संगठन का पद नहीं दिया जाएगा। वह नेता जिन पर आर्थिक और आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। ऐसे नेताओं को जिला और मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। संगठन ने पहले ही सभी को निर्देश दे दिए है कि ऐसे नेता जिन पर किसी भी तरह का कोई प्रकरण दर्ज हो वह चुनाव में हिस्सा ना ले।
60 के बाद नहीं लड़ेगे चुनाव
बीजेपी ने मंडल और जिला अध्यक्ष के लिए 40 और 60 साल की आयु सीमा तय की है। यानी पार्टी युवा और वरिष्ठता दोनों ही श्रेणी के नेताओं को अवसर देगी। यहां पर अब मंडल और जिला अध्यक्ष बनाने के लिए सांसद, विधायक या मंत्री की अनुशंसा सें काम नही चलेगा। नेता को अपने दम पर पद के लिए दावेदारी करनी होगी। नेता के कार्य और उपलब्धियों के आधार पर ही मंडल या जिला अध्यक्ष बनाया जाएगा।
उपचुनाव के नतीजों पर होगा मंथन
भाजपा प्रदेश कार्यालय पर संगठन के पदाधिकारी प्रदेश में हुए उपचुनाव बुधनी और विजयपुर को लेकर भी विचार मंथन करेंगे। वहीं मप्र के भाजपा संगठन की बूथ समितियों के गठन की पार्टी आलाकमान ने सराहना की है। अब पार्टी का मंडल और जिला अध्यक्ष के संगठन चुनाव पर सशक्त नेताओं को लाना चाहती है जो स्वयं के दमखम पर चुनाव लड़े। बीजेपी हमेशा अनुशासनात्म पार्टी के रुप में स्वयं को स्थापित करती है। विगत कुछ वर्षो में बीजेपी में जिस तरह से अवसरवादी नेताओं का जन्म हुआ है उसके बाद अब बीजेपी एक बार फिर अपने संगठन में अनुशात्मक और कर्मठ लोगों को लाने का प्रयास कर रही है