MP News: यूके के बाद जर्मनी पहुंचे CM डॉ. यादव, बोले- जर्मनी और मध्य प्रदेश का आपसी सहयोग औद्योगिक क्रांति के नए द्वार खोलेगा

MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में जर्मन निवेशकों के साथ समन्वय और सहयोग को सुगम बनाने के लिए एक विशेष राज्य सरकारी संपर्क कार्यालय स्थापित करने की योजना बनाई है। यह कार्यालय मंडीदीप और पीथमपुर में पहले से मौजूद जर्मन निवेशकों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करेगा। जर्मनी और भारत के बीच ऐतिहासिक और मजबूत व्यापारिक संबंध रहे हैं, और इस कदम से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। इस कार्यालय के माध्यम से जर्मन कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए और भी ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा।

जर्मनी और मध्य प्रदेश के बीच बढ़ते आपसी सहयोग से औद्योगिक क्रांति के नए द्वार खुलने की उम्मीद है। इस साझेदारी के तहत, जर्मन विशेषज्ञ मध्य प्रदेश में आकर तकनीकी और औद्योगिक विकास में योगदान देंगे। साथ ही, जर्मन कंपनियां उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञता को राज्य में उपलब्ध कराकर औद्योगिक क्षेत्र में नवाचार और प्रगति को बढ़ावा देंगी। दोनों देशों का यह समन्वय राज्य में नए औद्योगिक विकास के आयाम स्थापित करने में सहायक होगा, जिससे मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और यह क्षेत्र वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर प्रमुख स्थान हासिल करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को जर्मनी दौरे के दौरान बवेरिया राज्य के चांसलर प्रमुख और संघीय एवं यूरोपीय मामलों के साथ मीडिया विभाग के मंत्री डॉ. फ्लोरियन हैरमेन से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने राज्य स्तर पर सहयोग के विभिन्न अवसरों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान जर्मनी और मध्य प्रदेश के बीच औद्योगिक, तकनीकी और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को और भी प्रगति मिलेगी और मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और डॉ. फ्लोरियन हैरमेन के बीच हुई चर्चा में दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और जर्मनी के बीच मजबूत होते रिश्तों को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने राज्य स्तर पर भी साझेदारी को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। खासकर, तकनीकी नवाचार, सुपरकंप्यूटिंग, ऑटोमोटिव सेक्टर, एरोनाटिक्स और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संभावित सहयोग के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। इस सहयोग से दोनों देशों के बीच औद्योगिक और वैज्ञानिक विकास को नई दिशा मिलेगी, और मध्य प्रदेश में इन क्षेत्रों में नवाचार और प्रगति के नए अवसर खुलेंगे।