Tantya Mama के नाम पर शुरू योजनाओं के हाल-बेहाल

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र में बुधवार को जहां क्रांतिसूर्य टंट्या भील मामा ( Tantya Mama ) का 135वां बलिदान दिवस मनाया गया, वहीं प्रदेश में टंट्या मामा के नाम पर शुरू की गई स्वरोजगार और आर्थिक कल्याण योजना के हाल-बेहाल हैं। इस साल आर्थिक कल्याण योजना में 10 हजार आदिवासियों को लाभ पहुंचाने का टारगेट तय किया गया था, लेकिन बैंकों ने सिर्फ 81 युवाओं को लोन और आर्थिक मदद दी है। इससे सरकारी अफसरों के साथ ही बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है।

Tantya Mama के नाम से योजना में दिया जाना था लोन

विधानसभा चुनाव 2023 से पहले 6 सितंबर 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी युवाओं को आर्थिक मदद देने के लिए टंट्या मामा ( Tantya Mama ) आर्थिक कल्याण योजना प्रारंभ करने की घोषणा की थी और इसे कैबिनेट से मंजूरी भी दे दी गई। योजना में हर साल 10 हजार आदिवासी उद्यमियों को 10 हजार से एक लाख रुपए तक का लोन दिलाया जाना था। इसके लिए 18 बैंकों का चयन कर टारगेट तय करते हुए युवाओं से आवेदन बुलाए गए थे। बैंकों में जानकारी के अभाव में सिर्फ 1277 युवाओं ने आवेदन किए और बैंकों ने भी मात्र 137 आवेदनों को मंजूरी देते हुए 81 लोगों को ही लोन बांटा। जबकि सरकार प्रदेश में आदिवासियों और दलितों के नाम पर ढिंढौरा पीटती है कि सरकार उनके लिए बहुत कुछ कर रही है। लेकिन जमीनी वास्तविकता इसके उल्ट नजर आ रही है। इसका खुलासा कुछ समय पहले सीएस अनुराग जैन द्वारा की गई एसएलबीसी बैठक में हुआ।

बैंकों ने भी बरती लापरवाही

मप्र आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा शुरू की गई टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 10,000 उद्यमियों के बदले 30 सितंबर 2024 तक यानी 6 महीने में मात्र 137 युवाओं के ऋण प्रकरण बैंकों ने मंजूर कर मात्र 81 को ही लोन दिया है। यानि विभाग अभी तक अपने लक्ष्य का 1.37 प्रतिशत ही हासिल कर सका है। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों ने 88 आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया। रिजेक्ट करने के बाद बचे हुए 1189 आवेदनों में से 1052 आवेदन पेंडिंग हैं और 81 को ही लोन बांटकर इतिश्री कर ली है। इसमें सबसे खराब स्थिति आईसीआईसीआई ने 500 आवेदन के बदले सिर्फ 5 लोगों को लोन बांटा, जबकि यश बैंक, एएक्सआईएस बैंक, बंधन बैंक, एवडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक ने किसी भी हितग्राही को लोन नहीं दिया है।