स्वतंत्र समय, ग्वालियर
ग्वालियर में एक कारोबारी दंपती को 16 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट ( digital arrest ) करने का मामला सामने आया है। ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल किया। बताया कि आपकी पत्नी के मोबाइल नंबर का मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर फ्रॉड में यूज हुआ है। इसके बाद वॉट्सऐप पर गिरफ्तारी वारंट और नोटिस भी भेजा गया।
digital arrest कर रातभर किया टॉर्चर
डिजिटल अरेस्ट ( digital arrest ) के बाद कारोबारी दंपती इतना डर गए थे कि उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को रिश्तेदार के घर रहने भेज दिया। कहा कि हम अर्जेंट काम से भोपाल जा रहे हैं। गुरुवार सुबह से रात भर इतना टॉर्चर किया कि वह शुक्रवार सुबह उनको कैश देने के लिए तैयार हो गए थे। इस बीच उनके रिश्तेदार लगातार कॉल कर रहे थे, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हो रहा था। इंदौर के एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) मंजीत सिंह ने ग्वालियर कन्ट्रोल रूम कॉल कर कारोबारी के घर देखने के लिए कहा। जब नाइट गश्त पर निकली डीएसपी किरण अहिरवार वहां पहुंची तो रात 1.30 बजे कारोबारी दंपती को मुक्त कराया गया। इस दौरान कारोबारी की रात तीन घंटे ग्वालियर पुलिस ने काउंसलिंग की तब वह सामान्य हुए हैं।
खुद को बताया सीबीआई अफसर
झांसी रोड स्थित हरिशंकरपुरम निवासी जसपाल आहूजा (51) कारोबारी हैं। उनका ऑटो पार्टस का कारोबार है। वे पत्नी व एक बेटे के साथ रहते हैं। बड़ा बेटा विदेश में है। गुरुवार सुबह 7.30 बजे कारोबारी की पत्नी के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया। साथ ही कहा कि उनके मोबाइल नंबर साइबर फ्रॉड सहित अन्य गलत काम में इस्तेमाल किया जा रहा है। उनके वाट्सएप पर सीबीआई का एक नोटिस भेजा गया। कुछ देर बाद टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम से नोटिस भेजा गया। बताया है कि उनके मोबाइल नंबर का उपयोग साइबर फ्रॉड के साथ ही अन्य अनैतिक गतिविधियों में उपयोग हुआ है। इससे कारोबारी डर गए। ठगों ने उन्हें 16 घंटें तक डिटिजल अरेस्ट रखा।