ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी Metro… ट्रैक से बाहर होगा बीआरटीएस

विपिन नीमा, इंदौर

वर्तमान में इंदौर शहर में जिन दो प्रोजेक्टों पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है उनमें बीआरटीएस को तोड़ने तथा मेट्रो ( Metro ) का कमर्शियल रन शुरु होना शामिल है। नए साल में इन दोनों बड़े प्रोजेक्टों पर एक्शन हो जाएंगा। यानी 350 करोड़ रुपए की लागत से बने बीआरटीएस पर नए साल में कभी भी हथोड़े चल सकते है। वहीं 15 हजार करोड़ रुपए की लागत वाला मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शहर की जनता के लिए सौगात लेकर आएंगा। इसके अलावा नए साल में आईडीए और नगर निगम की मास्टर प्लान वाली सडक़ों का निर्माण भी होना है, लेकिन निर्माण से पहले नया साल उन लोगों के लिए परेशानी पैदा करेगा जिनके मकान, दुकान, ओटले, गुमटियां सडक़ निर्माण बाधक बने हुए है। वर्ष 2025 में शहर को लोक परिवहन के क्षेत्र में कई नई नई सुविधाएं मिलेगी जिनमें , मेट्रो रेल , प्रस्तावित फ्लाय ओव्हर ब्रिज, मास्टर प्लान की सडक़े, इलेक्ट्रिक बसें, केबल कार आदि शामिल है। उपरोक्त ये सारे प्रोजेक्ट रिकार्ड पर आ चुके है। इसमें से कुछ प्रोजेक्ट तो धरातल पर है जबकि कुछ प्रोजेक्ट आने की तैयारी में है।

भोपाल से पहले इंदौर में दौड़ेगी मेट्रो ( Metro ) रेल

12 से 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से इंदौर में 31.32 किलोमीटर मेट्रो प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। शहर के लोग मेट्रो में सफर करने का सपना देख रहे है। मेट्रो कम्पनी ने गांधी नगर डिपो से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नम्बर तीन तक यानी लगभग 6 किलोमीटर वाले प्रायोरिटी कॉरिडोर में कमर्शियल रन शुरु करने का टारगेट रखा है। कहने का मतलब यह है की नए साल के प्रथम माह से शहर के लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे। मेट्रो का कमर्शियल रन अभी केवल इंदौर में ही शुरु होगा। भोपाल के लोगों को मेट्रो में सफर करने के लिए कम से कम तीन से चार माह और इंतजार करना पड़ेगा।

क्या बीआरटीएस टूटेगा ?

केंद्र सरकार की मंजूरी पर 350 करोड़ रुपए की लागत से राजीव गांधी चौराहे से निरंजनपुरा चौराहे तक बना 11.54 किलोमीटर लम्बे बीआरटीएस को तोडऩे को लेकर शहर के लोंगो में तीन तरह की राय सामने आ रही है। (1) नौकरीपेशा , युवा तथा स्टूडेंट वर्ग का कहना है की लोक परिवहन की एक अच्छी व्यवस्था को ध्वस्त नहीं करना चाहिए ,बल्कि इसे चलते रहने दिया जाना चाहिए। (2) ट्रैफिक से परेशान लोगों की राय यह है कि कॉरिडोर को तोड़ देना चाहिए, जिससे की लोगों को एबी रोड के जाम से मुक्ति मिलेगी और फिक में भी सुधार होगा। (3) कुछ लोगों ने सुझाव दिया है की बीआरटीएस को तोडऩे की बजाय कॉरिडोर में नई परिवहन व्यवस्था लागू कर देना चाहिए जिससे की स्टॉप का भी उपयोग हो जाए और ट्रैफिक भी सही सलामत चल सके। सरकार तो बीआरटीएस तोडऩे का ऐलान कर चुकी है। चूंकि सारे जनप्रतिनिधि भी बीआरटीएस को तोडऩे के पक्ष में है। इसलिए बीआरटीएस को तोडऩे से कोई नहीं रोक सकता है। इंदौर का बीआरटीएस देश के टॉप बीआरटीएस में शामिल है। कॉरिडोर को लेकर जो नया प्लान तैयार किया गया है उसके मुताबिक बीआरटीएस के चौराहों पर ओवर ब्रिज बनाने की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। दिल्ली की एक कम्पनी को फ्लाय ओव्हर ब्रिजों का सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई है।

नए साल में ये बड़े प्रोजेक्ट चर्चा में रहेंगे…

  • मेट्रो रेल – जनवरी माह में सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर में शुरु होगा मेट्रो का कमर्शियल रन । साथ ही अंडर ग्राउंड रुट पर काम शुरु करने की
  • बीआरटीएस – 350 करोड़ रुपए की लागत से बना 13 साल पुराने 11.54 किलोमीटर लम्बे बीआरटीएस की विदाई
  • फ्लाय ओव्हर ब्रिज – बीआरटीएस के स्थान पर अलग अलग चौराहों पर फ्लाय ओव्हर ब्रिज का फिजिबिलिटी सर्वे
  • मास्टर प्लान की सडक़ें – नगर निगम और आईडीए शहर के अलग अलग क्षेत्रों में बनाएंगा 30 से ज्यादा मास्टर प्लान की सडक़ें
  • केबर कार – केबल कार यानी रोप – वे ट्रांजिट सिस्टम के लिए तय किए गए दो रुटों का विस्तृत सर्वे कराया जाएंगा।
  • इलेक्ट्रिक बसें – अब शहर के सभी रुटों पर एसी इलेक्ट्रिक बसे ही दौड़ती नजर आएंगी। वर्तमान में 40 बसें बीआरटीएस समेत अन्य रुटों पर दौड़ रही है। नई इलेक्ट्रिक बसों के आने का सिलसिला जारी है। अगले माह 10 बसे और आने वाली है।