Super Corridor का 6 माह में होगा कायाकल्प

स्वतंत्र समय, इंदौर

शहर के पश्चिमी क्षेत्र में सुपर कॉरिडोर ( Super Corridor ) का अगले 6 माह में संपूर्ण विकास किया जाएगा। वहां पर अधूरे बचे हुए कामों को पूर्ण किया जाएगा । क्षेत्र के भू स्वामियों के द्वारा रखी गई एफ ए आर से संबंधित शिकायतों पर भी विचार किया जाएगा।

Super Corridor में प्लॉट धारक को लेकर बैठक

यह फैसला कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय में सुपर कॉरिडोर ( Super Corridor ) पर प्लाट धारकों के द्वारा अपने प्लाट पर जल्द निर्माण करने के लिए आयोजित की गई बैठक में लिया गया। इस बैठक के प्रारंभ में प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राम प्रकाश अहिरवार ने बताया कि सुपर कॉरीडोर क्षेत्र में प्राधिकरण के द्वारा योजना क्रमांक 151 योजना क्रमांक 169ड्ढ और योजना क्रमांक 166 विकसित की गई है। इसमें से दो योजनाओं में ही प्राधिकरण के द्वारा जमीन स्वामियों को उनकी जमीन के एवज में करीब 500 भूखंड आवंटित किए गए हैं । सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में प्राधिकरण के द्वारा अधो संरचना के विकास का कार्य करीब 78त्न पूरा कर लिया गया है। शेष कार्य अभी किया जा रहा है। अहिरवार ने बताया कि बिजली के कार्य के लिए प्राधिकरण के द्वारा 150 करोड रुपए का टेंडर मंजूर कर दिया गया है। संबंधित एजेंसी के द्वारा काम शुरू कर दिया गया है। अहिरवार ने जानकारी दी कि पूरे क्षेत्र में प्राधिकरण के द्वारा पानी की लाइन बिछाने, सीवरेज की लाइन डालने और सडक़ का निर्माण करने का कार्य किया गया है।

Super Corridor क्षेत्र को आबाद करने में सहयोग दें

कलेक्टर आशीष सिंह ने इस बैठक में सभी भूखंड स्वामियों से कहा कि वह अपने भूखंड पर निर्माण करके सुपर कॉरिडोर क्षेत्र को आबाद करने में सहयोग दें। इस क्षेत्र में इतने साल बाद भी निर्माण कार्य उतना नहीं हुआ है जितनी की अपेक्षा थी। अगले 6 माह में इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा इस सुपर कॉरिडोर पर विकास से संबंधित सारे कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। ऐसे में यह आवश्यक है कि आप लोगों की ओर से भी निर्माण कार्य अपने-अपने प्लाट पर शुरू करने के लिए पहल की जाए।

इतने कम एफएआर के कारण यहां पर काम करना संभव नहीं हो पा रहा

इस बैठक में स्वामियों के द्वारा अपनी समस्याएं भी रखी गई। उनकी ओर से योजना क्रमांक 166 में स्थित पीएसपी के प्लाट पर 1.2 का एफ ए आर होने की शिकायत की गई। उनका कहना था कि इतने कम एफ ए आर के कारण यहां पर काम करना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में तीन का एफ ए आर होने पर तो संतोष जताया है लेकिन प्लाट का आकार बहुत ज्यादा होने की शिकायत की । उनका कहना था कि इस क्षेत्र में यदि प्लाट का विभाजन कर उन्हें छोटे-छोटे प्लाट के रूप में विभाजित कर दिया जाए तो आसानी से विकास शुरू हो जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट किया कि इस समस्या पर भी विचार किया जाएगा।