स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। 70 विपक्षी सांसदों ने प्रस्ताव पर दस्तखत किया है। इसमें इंडिया गठबंधन में शामिल सपा, टीएमसी और आप के सदस्य शामिल हैं।
Jagdeep Dhankhar और विपक्षी नेताओं के बीच हुआ था टकराव
सूत्रों के हवाले से बताया कि अगस्त में भी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) और विपक्षी नेताओं के बीच टकराव हुआ था। तब विपक्षी पार्टियों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी 20 सांसदों का समर्थन जुटा लिया था। हालांकि बाद में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। संसद के बाहर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा है। वे सत्ता पक्ष के सांसदों को नियम के विपरीत बोलने की छूट देते हैं, जबकि विपक्षी सांसदों को चुप कराते हैं। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा हूं कि उन्होंने सदन को कमजोर किया है। मैंने आज तक नहीं देखा कि प्रश्नकाल में सरकार के सारे लोग खड़े हो जाएं और जवाब न आने दें।
राहुल ने मोदी-अडाणी का मुखौटा लगाए सांसदों का इंटरव्यू लिया
संसद में सोमवार को राहुल गांधी रिपोर्टर के रोल में दिखे। विपक्ष के दो सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी का मुखौटा लगाया और राहुल से बातचीत की। राहुल ने मोदी-अडाणी के संबंध, अमित शाह की भूमिका और संसद न चलने पर करीब 8 सवाल किए। कांग्रेस ने 1.19 मिनट की बातचीत का वीडियो शेयर किया है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने गौतम अडाणी का और एनसीपी शरद पवार के सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल ने प्रधानमंत्री मोदी का मुखौटा पहना।
राहुल ने पीएम के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि आज वरिष्ठ नेता संसद में मुखौटा पहनकर खड़े होते हैं और प्रधानमंत्री के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं…वे देश के लोकतंत्र का सम्मान करना नहीं जानते… हताश, निराश, थके हुए, अस्तित्वहीन नेताओं का समूह कांग्रेस बन गया है और इनसे जुड़ी विपक्षी पार्टियां भी धीरे-धीरे अलग हो रही हैं। इनको देश के उद्योगपति नहीं चाहिए, इन्हें विदेश के उद्योगपति चाहिए। इन्हें जॉर्ज सोरोस चाहिए जो भारत में अस्थिरता पैदा करें।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ इस सत्र में पेश हो सकता है बिल
केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में ही ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल पेश कर सकती है। संसद से बिल को चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा। सितंबर में केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन-वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएं। वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है।