स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने गुरुवार को कहा कि जब भी मैं किसी अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शामिल होने जाता हूं और वहां सडक़ हादसों को लेकर बात होती है, तो मैं अपना मुंह छुपाने की कोशिश करता हूं।
लोकसभा में सड़क हादसों पर बोले Nitin Gadkari
लोकसभा में सड़क हादसों पर चर्चा के दौरान नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने कहा कि दुनिया में सड़क हादसों को लेकर सबसे खराब रिकॉर्ड हमारा है। स्वीडन रोड एक्सीडेंट को जीरो पर ले आया है और भी बहुत से देशों ने इसे कम किया है। मैं बहुत ट्रांसपेरेंट हूं इसलिए बता रहा हूं कि जब मैंने सडक़ परिवहन मंत्रालय का जिम्मा संभाला था, तो मैंने 2024 तक सडक़ हादसों और इससे होने वाले मौतों को 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा था। एक्सीडेंट कम करना तो भूल जाइए, मुझे तो ये स्वीकार करने में भी कोई शर्म नहीं है कि ये बढ़ गए हैं। इसलिए किसी भी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सडक़ हादसों पर चर्चा होने पर मैं मुंह छिपाने की कोशिश करता हूं।
मुझे दुर्घटनाओं का अनुभव है: गडकरी
प्रश्नकाल के दौरान सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि भारत में हालात तब बदलेंगे, जब इंसानी व्यवहार और समाज में बदलाव आएगा और कानून के प्रति सम्मान होगा। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि कुछ साल पहले उनके और उनके परिवार का एक बड़ा सडक़ हादसा हुआ था, जिसमें उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ा। उन्होंने कहा-भगवान की कृपा से मैं और मेरा परिवार बच गए। मुझे दुर्घटनाओं का व्यक्तिगत अनुभव है।
सडक़ पर ट्रकों की पार्किंग से बढ़ते हैं हादसे
गडकरी ने कहा कि सडक़ों पर ट्रकों की पार्किंग दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है और कई ट्रक लेन अनुशासन का पालन नहीं करते। उन्होंने बताया कि मैंने भारत में बस की बॉडी के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बस की खिडक़ी के पास एक हथौड़ा होना चाहिए, जिससे दुर्घटना की स्थिति में खिडक़ी को आसानी से तोड़ा जा सके।