Assembly सत्र: कांग्रेस का वॉकआउट, खाद संकट पर चर्चा नहीं करना चाहती सरकार

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र विधानसभा ( Assembly ) का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से प्रारंभ हुआ। सबसे पहले दिवंगत नेताओं की श्रद्धांजलि देकर कुछ समय के लिए सत्र स्थगित किया और जैसे ही प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने हंगामा करते हुए वॉकआउट कर दिया। ध्यानाकर्षण के बाद सदन की कार्यवाही कल मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही से पहले बुधनी से भाजपा विधायक रमाकांत भार्गव और अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। विजयपुर से निर्वाचित विधायक मुकेश मल्होत्रा सदन में नहीं पहुंचे, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ नहीं हो पाई। प्रश्नकाल में केवल दो प्रश्न हो सके। विधायक सुरेश राजे और विधायक जयवर्धन सिंह ने अपने क्षेत्र में हुए कार्यों को लेकर सवाल किए। इसके बाद प्रश्नकाल खत्म हो गया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मप्र विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष वेतन भत्ता संशोधन और नेता प्रतिपक्ष वेतन भत्ता संशोधन अधिनियम 2024 पुनर्स्थापना विधेयक पेश किया।

Assembly में बोले उमंग सिंघार- प्रदेश में नकली खाद बिक रही

विधानसभा से बाहर निकलने के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा-भाजपा सरकार के संरक्षण में पूरे प्रदेश में कई लोग नकली खाद बेच रहे हैं। उस नकली खाद को बाजार में आने से सरकार रोके, इसके कारण किसानों की फसल का नुकसान हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में खाद संकट का मामला उठाया। उन्होंने कहा- सरकार इस मामले में चर्चा नहीं करना चाहती। इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने आज का दिन ऐतिहासिक बताते हुए बांग्लादेश बनाने के लिए पाकिस्तान के सरेंडर करने की बात कही। विपक्ष ने विषय बदलने पर सदन में शोर शराबा शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर व्यापार चल रहा

पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ध्यानाकार्षण प्रस्ताव के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा-सागर जिले के माल्थोन में एक विद्यालय में बच्चों का यौन शोषण हुआ और उसके माता-पिता शिकायत कर चुके हैं। प्रदेश में इस तरह की घटनाएं कई स्कूलों में हो रही है। अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर व्यापार चल रहा है। सरकार को इस मामले में कोई नीति बनाना चाहिए। ताकि जो फर्जी शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं उन पर अंकुश लगे और बच्चों का भविष्य खराब न हो।