दिल्ली में मंगलवार सुबह वायु प्रदूषण और कोहरे की दोहरी मार देखने को मिली। राजधानी के आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 467 पर दर्ज किया गया, जो कि “गंभीर” श्रेणी में आता है। अधिकांश इलाकों में AQI 400 से ऊपर है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
स्थिति की गंभीरता
• कोहरा: हल्के कोहरे के कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) में कमी हुई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।
• प्रदूषण: वायु में सूक्ष्म कण PM2.5 और PM10 की मात्रा अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक हैं।
ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू
“ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)” के चरण-4 के तहत कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं:
1. निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध।
2. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती।
3. गैर-जरूरी ट्रकों के प्रवेश पर रोक।
4. ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स प्लांट और अन्य प्रदूषणकारी उद्योगों को बंद करने का आदेश।
स्वास्थ्य पर असर
• अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और हृदय रोगों के मरीजों के लिए यह स्थिति घातक हो सकती है।
• बुजुर्ग, बच्चे, और गर्भवती महिलाएं अधिक प्रभावित हो सकती हैं।
सरकार और जनता के लिए सलाह
1. मास्क पहनें और खुले में व्यायाम करने से बचें।
2. घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
3. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें।
4. प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की जानकारी प्रशासन को दें।
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता एक दीर्घकालिक समस्या बन गई है, जिसे केवल दीर्घकालिक नीतियों और सामूहिक प्रयासों से हल किया जा सकता है। दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण के तहत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
मुख्य प्रतिबंध और प्रावधान
1. स्कूल
• 5वीं कक्षा तक के स्कूल बंद रहेंगे।
• 10वीं और 12वीं को छोड़कर बाकी कक्षाएं हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन + ऑफलाइन) में संचालित होंगी।
2. निर्माण गतिविधियां
• राजमार्ग, फ्लाईओवर, सार्वजनिक और निजी निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक।
3. ट्रकों का प्रवेश
• गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित।
लागू क्षेत्र
यह नियम दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लागू है। यह कदम वायु गुणवत्ता के अत्यधिक खराब स्तर को देखते हुए उठाया गया है। इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण के प्रभाव को कम करना और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 358 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। अन्य क्षेत्रों का AQI इस प्रकार रहा:
• गाजियाबाद: 324
• नोएडा: 323
• गुरुग्राम: 291
• फरीदाबाद: 194
कारण
1. हवा की कम गति: सोमवार को हवा 6 किमी/घंटे की गति से चली, जो शाम तक घटकर 4 किमी/घंटे हो गई। धीमी गति से चलने वाली हवा प्रदूषकों को फैलाने में असमर्थ रही, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया।
2. वेंटिलेशन इंडेक्स: भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के अनुसार, वेंटिलेशन इंडेक्स 200 वर्ग मीटर रहा, जो औसत से कम है।
3. मिक्सिंग डेप्थ: मिक्सिंग डेप्थ 600 मीटर रही, जो वायु को ऊपर उठाने और प्रदूषकों को फैलाने के लिए अपर्याप्त है।
प्रभावित क्षेत्र
• आनंद विहार, अशोक विहार, और वजीरपुर जैसे 15 इलाके “बेहद खराब” श्रेणी में रहे।
• आया नगर और डीटीयू समेत 14 इलाकों में “खराब” श्रेणी की हवा दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों में वेंटिलेशन इंडेक्स के 500 वर्ग मीटर तक पहुंचने की संभावना है, जिससे वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हो सकता है।संवेदनशील समूहों (बुजुर्ग, बच्चे, और बीमार व्यक्तियों) को अत्यधिक प्रदूषण के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
मास्क का उपयोग और बाहर शारीरिक गतिविधियों से बचाव करना जरूरी है।