देश में कितने लोग गंदा पानी पीकर गंवा देते हैं अपनी कीमती जान? हैरान कर देंगे ये आंकड़े

आजकल हर घर में शुद्ध पानी के लिए आरओ सिस्टम लगाया जाता है, लेकिन यह केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी शुद्ध पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। भारत में दूषित पानी के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

दूषित पानी से होने वाली बीमारियाँ

मानव शरीर में होने वाली अधिकांश बीमारियाँ दूषित पानी के कारण उत्पन्न होती हैं। हैजा, पीलिया, टाइफाइड और गले के रोग जैसी बीमारियाँ शुद्ध पानी के अभाव में उत्पन्न होती हैं। भारत में हर दिन लाखों लोग दूषित पानी पीने पर मजबूर हैं, जिसके कारण बहुत से लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं।

देश में इतनी लोग गंदा पानी पीकर गंवा देते हैं अपनी कीमती जान

भारत में बड़ी संख्या में लोग गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। जुलाई 2022 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 1.95 लाख बस्तियाँ ऐसी हैं, जहाँ लोग दूषित पानी का सेवन कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि साल 2019 में 23 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई) रिपोर्ट के अनुसार, हर साल दूषित पानी पीने के कारण लगभग 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2030 तक भारत में 60 करोड़ लोग जल संकट का सामना करेंगे, जो देश की कुल आबादी का 40% होगा।

दूषित पानी के सेवन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ

  • पाचन तंत्र पर असर: दूषित पानी में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं, जिसके कारण पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
  • डायरिया और पेट के रोग: दूषित पानी पीने से डायरिया जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • विषाक्त तत्वों के कारण सूजन: गंदे पानी में मौजूद विषाक्त तत्व पेट में सूजन और ऐंठन का कारण बन सकते हैं, जिससे असहनीय दर्द हो सकता है।
  • संक्रामक बीमारियाँ: दूषित पानी में साल्मोनेला और हेपेटाइटिस जैसे वायरस हो सकते हैं, जो टाइफाइड और हेपेटाइटिस जैसी संक्रामक बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं।
  • वाइब्रियो कॉलेरी और शिगेला बैक्टीरिया: ये बैक्टीरिया हैजा और पेचिश जैसी गंभीर बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं, जो जीवन के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर सकती हैं।
  • किडनी पर असर: दूषित पानी में भारी धातुएं और अन्य विषाक्त तत्व किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं, जिससे किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।
  • कैंसर का खतरा: दूषित पानी में मौजूद कार्सिनोजेनिक तत्व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  • न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ: दूषित पानी में विषाक्त तत्व होते हैं, जो स्मृति हानि, मूड में बदलाव और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बन सकते हैं।