मध्य प्रदेश सरकार ने 2024-25 के लिए 22,460 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है। इस बजट में विकास योजनाओं और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया गया है।
1. केन-बेतवा परियोजना: 900 करोड़ रुपये का आवंटन।
• यह परियोजना जल संसाधन और सिंचाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
2. लाड़ली बहना योजना: 465 करोड़ रुपये का प्रावधान।
• महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी वित्तीय स्थिति सुधारने के उद्देश्य से।
3. पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना: 600 करोड़ रुपये का आवंटन।
• जल संरक्षण और सिंचाई सुविधा में सुधार के लिए।
इसके अतिरिक्त, अन्य विकास कार्यों, समाज कल्याण योजनाओं, और अधोसंरचना परियोजनाओं के लिए भी धनराशि आवंटित की गई है। यह बजट राज्य की आर्थिक प्रगति और सामाजिक कल्याण को गति देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पिछले 15 महीनों से नए पंजीयन बंद हैं, और अब तक नवीन पंजीयन प्रारंभ नहीं किए गए हैं। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने मंगलवार को विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल के लिखित जवाब में दी।
प्रश्न और उत्तर का विवरण
• विधायक प्रताप ग्रेवाल का सवाल
उन्होंने पूछा कि सतत प्रकृति की योजना होते हुए भी पिछले 15 महीनों से नए पंजीयन क्यों बंद हैं?
• मंत्री निर्मला भूरिया का जवाब
उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल योजना में नवीन पंजीयन शुरू करने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
लाड़ली बहना योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और वित्तीय सहायता के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इसके तहत पात्र महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। हालांकि, पिछले 15 महीने से नए पंजीयन बंद होने के कारण कई महिलाएं इस योजना का लाभ उठाने से वंचित हैं, और इस पर सरकार की ओर से स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।
इस सवाल से यह मुद्दा विधानसभा में उठ चुका है, और योजना की सततता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को छोड़कर अन्य सभी सतत प्रकृति की योजनाओं जैसे:
1. लाड़ली लक्ष्मी योजना
2. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
3. पोषण आहार योजना
4. वृद्धा पेंशन योजना
5. बाल आशीर्वाद योजना
इनमें पात्रता के आधार पर निरंतर लाभ प्रदान किया जा रहा है।
लाड़ली बहना योजना की स्थिति
• पिछले 15 महीने से नए पंजीयन बंद हैं।
• पात्र महिलाओं को योजना में शामिल करने के लिए नवीन पंजीयन भी प्रारंभ नहीं किए गए हैं।
• योजना को सतत प्रकृति की योजना घोषित किया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।
असमानता का सवाल
अन्य योजनाओं में पात्रता के अनुसार निरंतर लाभ प्रदान किया जा रहा है, लेकिन लाड़ली बहना योजना में पंजीयन बंद होने से इस योजना की निरंतरता पर सवाल उठ रहे हैं।
• यह अंतर योजना की प्रभावशीलता और महिलाओं को समान रूप से लाभ पहुंचाने के उद्देश्य पर सवाल खड़ा करता है।
विधायक प्रताप ग्रेवाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए यह पूछा कि सतत प्रकृति की योजना होने के बावजूद नए पंजीयन क्यों रोके गए हैं। मंत्री ने इसकी कोई ठोस वजह नहीं बताई, जिससे यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार ने 2024-25 के अनुपूरक बजट में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस परियोजना का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 दिसंबर को किया जाएगा। यह परियोजना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण जल संसाधन और सिंचाई परियोजना मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट का समाधान करना है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना
• इस परियोजना के लिए बजट में 600 रुपये का प्रतीकात्मक प्रावधान रखा गया है।
• यह परियोजना जल प्रबंधन और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रस्तावित है।
• प्रतीकात्मक प्रावधान का मतलब है कि यह परियोजना अभी प्रारंभिक चरण में है, और इसके लिए विस्तृत बजट आगामी वर्षों में आवंटित किया जाएगा।
केन-बेतवा परियोजना की मुख्य बातें
1. देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना
• यह भारत की पहली अंतरराज्यीय नदी जोड़ो परियोजना है, जो केन नदी (मध्य प्रदेश) को बेतवा नदी (उत्तर प्रदेश) से जोड़ेगी।
2. लाभ
• बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट का समाधान।
• 10 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई।
• 62 लाख लोगों को पीने का पानी।
• 103 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन।
3. चुनौतियां
• पर्यावरणीय स्वीकृतियां।
• प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास।
यह दोनों परियोजनाएं मध्य प्रदेश की सिंचाई क्षमता और जल उपलब्धता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने 2024-25 के प्रथम अनुपूरक बजट में विभिन्न विभागों और योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया है। यह बजट राज्य के विकास कार्यों, बुनियादी सुविधाओं, सामाजिक कल्याण और औद्योगिक प्रोत्साहन को गति देने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है।
महत्वपूर्ण प्रावधान और धन आवंटन
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण
1. लाड़ली बहना योजना: 456 करोड़ रुपये।
2. लाड़ली लक्ष्मी योजना:
• छात्रवृत्ति और आर्थिक सहयोग के लिए 85 करोड़ रुपये।
3. संबल योजना: 200 करोड़ रुपये।
4. दीनदयाल रसोई योजना: 10 करोड़ रुपये।
बुनियादी ढांचा विकास
1. बड़े पुलों के निर्माण: 400 करोड़ रुपये।
2. ग्रामीण सड़क और जिला मार्ग: 400 करोड़ रुपये।
3. सड़क, पुल और अन्य निर्माण कार्य: 1,050 करोड़ रुपये।
4. पर्यटन अधोसंरचना विकास: 131 करोड़ रुपये।
जल और सिंचाई परियोजनाएं
1. जल जीवन मिशन:
• नल से जल पहुंचाने और ग्रामीण जल आपूर्ति के लिए 3,515 करोड़ रुपये।
2. सिंचाई परियोजनाएं: 1,515 करोड़ रुपये।
3. नर्मदा घाटी विकास परियोजना: 2,090 करोड़ रुपये।
ऊर्जा और कृषि क्षेत्र
1. ऊर्जा विभाग: 8,763 करोड़ रुपये।
• इसमें 280 करोड़ रुपये टैरिफ अनुदान और अटल कृषि ज्योति योजना के लिए।
2. किसानों को ब्याज रहित ऋण: सहकारी बैंकों को 50 करोड़ रुपये।
शहरी और ग्रामीण विकास
1. नवीन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): 1,600 करोड़ रुपये।
2. नगर निकायों के ऋण और ब्याज चुकाने: 204 करोड़ रुपये।
3. ग्रामीण विकास: 1,161 करोड़ रुपये।
उद्योग और रोजगार प्रोत्साहन
1. उद्योगों के लिए निवेश प्रोत्साहन: 400 करोड़ रुपये।
2. मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना: 50 करोड़ रुपये।
शिक्षा और छात्रवृत्ति
1. छात्रवृत्ति योजनाएं:
• अनुसूचित जाति, जनजाति, और ओबीसी विद्यार्थियों के लिए 360 करोड़ रुपये।
• आवास सहायता के लिए 130 करोड़ रुपये।
2. उच्च शिक्षा विभाग: 144 करोड़ रुपये।
स्वास्थ्य सेवाएं
1. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए: 290 करोड़ रुपये।
अन्य प्रावधान
1. अतिविशिष्ट व्यक्तियों के आगमन के लिए निर्माण कार्य: 50 करोड़ रुपये।
2. मुख्यमंत्री निवास परिसर (एनेक्सी निर्माण): 47 करोड़ रुपये।
3. भोपाल में सरकारी भवनों के रखरखाव: 55 करोड़ रुपये।
4. सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के रखरखाव: 3 करोड़ रुपये।
यह बजट राज्य में सामाजिक न्याय, बुनियादी ढांचा विकास, ऊर्जा और जल प्रबंधन, तथा औद्योगिक और कृषि प्रगति को प्राथमिकता देता है। साथ ही, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।