कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के सिलसिले में यह बड़ी कार्रवाई है। पिछले आठ दिनों से जारी इस जांच में अब तक 4.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही, सोने-चांदी और अन्य मूल्यवान वस्तुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।
यह छापेमारी विभिन्न ठिकानों पर की गई है और कहा जा रहा है कि जांच अभी भी जारी है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। ED ने यह कार्रवाई कथित मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत की है। आगे की जानकारी आने पर और खुलासे होने की संभावना है।
गोलू अग्निहोत्री के खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई में बड़ा दायरा सामने आया है। अग्निहोत्री के अलावा इंदौर के विपुल अग्रवाल और तरुण श्रीवास्तव समेत कुल 24 स्थानों पर छापेमारी की गई है।
इस कार्रवाई के दौरान कई शैल कंपनियों (Shell Companies) के दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जो अग्निहोत्री और अन्य से जुड़े कथित अवैध वित्तीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की ओर इशारा कर रहे हैं। ED के अनुसार, इन कंपनियों का इस्तेमाल संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों को छिपाने और काले धन को सफेद बनाने के लिए किया गया हो सकता है।
इस छापेमारी में नकद रुपये के साथ-साथ सोना-चांदी और अन्य मूल्यवान वस्तुएं भी मिली हैं, और उनकी जांच की जा रही है। मामले से जुड़े इन खुलासों ने राजनीतिक और व्यावसायिक हलकों में हलचल मचा दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के दौरान इंदौर के सिंगापुर टाउनशिप स्थित तरुण श्रीवास्तव के घर से एक देसी पिस्टल, दो मैगजीन और पांच कारतूस बरामद किए गए हैं। इस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है।
तरुण श्रीवास्तव फिलहाल मुंबई में हैं, जबकि उनकी पत्नी और भाई से पूछताछ की जा रही है। यह मामला अब कानूनी और आपराधिक पहलू में भी उलझ गया है, क्योंकि हथियार की बरामदगी से जुड़े आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
इसके साथ ही, ED तरुण श्रीवास्तव की कथित शैल कंपनियों और वित्तीय लेन-देन के मामले में भी जांच कर रही है। यह कार्रवाई गोलू अग्निहोत्री और अन्य के खिलाफ चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री कथित रूप से खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने की तैयारी में थे। जांच में पता चला है कि उन्होंने दुबई में कई कंपनियां रजिस्टर करवाई थीं। इनमें से कुछ कंपनियां उनके परिचितों के नाम पर बनाई गई थीं, लेकिन उनके संचालन से जुड़ी गतिविधियों का नियंत्रण गोलू के पास था।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी के दौरान गोलू के लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों में क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च से संबंधित डिजिटल योजनाएं और निवेश से जुड़े साक्ष्य मिले हैं।
इस नई जानकारी से यह संकेत मिल रहा है कि गोलू अग्निहोत्री अपनी कथित अवैध आय को छिपाने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। दुबई में रजिस्टर्ड कंपनियों और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े दस्तावेज इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जा सकते हैं। फिलहाल, ED और अन्य एजेंसियां इस नेटवर्क के विस्तार और दुबई में किए गए निवेश की गहन जांच कर रही हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री के खिलाफ उनके वित्तीय लेन-देन और निवेश की गहन जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, गोलू की गतिविधियों पर पिछले छह महीनों से नजर रखी जा रही थी।
जांच में यह सामने आया है कि गोलू ने दुबई में कई कंपनियां रजिस्टर्ड करवाई थीं और वहां भारी निवेश किया है। ED को संदेह है कि इन निवेशों और कंपनियों का इस्तेमाल अवैध धन को वैध दिखाने और फॉरेन मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया था।
इन आरोपों के आधार पर ED ने गोलू के खिलाफ फॉरेन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके अलावा, दुबई में उनकी संपत्तियों और कंपनियों की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग मांगा जा सकता है।
फिलहाल, ED द्वारा जब्त किए गए डिजिटल दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और मनी ट्रेल से जुड़े अन्य सबूतों की जांच की जा रही है, ताकि गोलू के वित्तीय नेटवर्क को विस्तार से उजागर किया जा सके।