स्वतंत्र समय, मेरठ
मेरठ में पंडित प्रदीप मिश्रा ( Pradeep Mishra ) की कथा में शुक्रवार दोपहर भगदड़ मच गई। कई महिलाएं और बुजुर्ग गिरकर घायल हो गए। दोपहर 1 बजे से कथा शुरू हो चुकी थी। करीब 1 लाख लोग पहुंचे थे। कथा शुरू होने पर लोग जल्दबाजी में अंदर जा रहे थे। बाउंसर्स ने भीड़ अचानक बढऩे पर लोगों को रोक-रोक कर एंट्री करानी शुरू कर दी जिससे भगदड़ मच गई। घायल महिलाओं और बुर्जुगों का घटनास्थल पर बने हेल्थ कैंप में इलाज किया जा रहा है। शताब्दी नगर में चल रही इस कथा का शुक्रवार को छठा और शनिवार को आखिरी दिन है। रोज करीब डेढ़ लाख लोग आ रहे हैं। कई वीवीआईपी भी कथा में शामिल हो चुके हैं। कथा में जिस रास्ते से भीड़ आ रही थी, उसी रास्ते से मुख्य यजमान भी जा रहे थे। तभी एंट्री को लेकर झगड़ा हो गया। एंट्री गेट पर बाउंसर्स ने महिलाओं को अंदर जाने से रोक दिया। पीछे से भीड़ आगे बढऩे के लिए धक्का देती रही। इसी बीच 15-20 महिलाएं एक-एक कर गिर गईं।
एक दिन में दो बार मची भगदड़
बताया जा रहा है कि कथा के दौरान शुक्रवार को 2 बार भगदड़ मची। सबसे पहले सुबह 9.30 बजे भगदड़ मची थी। इस दौरान लोग वीआईपी पास के लिए जुटे थे, लेकिन यह शांत हो गई। इसके बाद दोपहर 1 बजे फिर भगदड़ मच गई। स्कथा का समय दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक है। यहां 7 पार्किंग बनाई गई है। 1000 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। एक मिनी अस्पताल, स्वच्छ जल, भोजन और अन्य सुविधाएं हैं।
Pradeep Mishra ने कहा- गाड़ियों से आए लोग पार्किंग में उतर रहे थे
पंडित प्रदीप मिश्रा ( Pradeep Mishra ) ने कथा के दौरान भगदड़ का सीधे जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा-आज हम आ रहे थे। हमने देखा कि रास्ते में बहुत भीड़ थी। जो लोग ट्रैक्टर ट्रॉली या लोडिंग गाडिय़ों से आ रहे थे, वो वहीं पार्किंग में उतर रहे थे। जो वीआईपी गाड़ी से आ रहे थे, वो भी वहीं उतर रहे थे। मैं मेरठ के कलेक्टर, एसपी, डीआईजी, आईजी, कमिश्नर, टीआई को साधुवाद देता हूं। एक-एक पुलिसवाले ने काम किया।