National Farmers Day : राष्ट्रीय किसान दिवस आज, सीएम मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं, कहा- अन्नदाता के योगदान को याद करने का दिन

National Farmers Day : राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers’ Day) हर साल 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन किसानों की मेहनत और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है।

चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकारों और उनकी बेहतरी के लिए कई अहम नीतियां बनाई थीं। उनके प्रयासों का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि को सशक्त बनाना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना था। इस दिन पर किसानों की समस्याओं पर चर्चा होती है। कृषि में सुधार के उपायों पर जोर दिया जाता है। सरकार और समाज किसानों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किसान ही देश की रीढ़ हैं और उनकी समृद्धि से ही देश का विकास संभव है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज के दिन पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने अन्नदाता किसान भाई-बहनों को किसान दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों, गरीबों और वंचितों के हितों की रक्षा और उनके समग्र विकास के लिए अपना जीवन समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए चौधरी जी का समर्पण और उनके द्वारा किए गए कृषि विकास व किसान कल्याण के प्रयास हमेशा प्रेरणा देने वाले रहेंगे।

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। देश के लगभग 70% लोग सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़े हैं, जो न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि कई महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों का उत्पादन भी करते हैं। जैसे गेहूं, चावल, दालें, गन्ना और कपास—इनकी पैदावार भारत में बड़ी मात्रा में होती है। भारतीय किसान न केवल घरेलू उपभोग के लिए फसलें उगाते हैं, बल्कि उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति भी करते हैं, जिससे पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान होता है। कृषि क्षेत्र भारत की आर्थिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यह रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास से पूरे देश की समृद्धि को बढ़ावा मिलता है।

राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति में किसानों के सबसे बड़े समर्थक और उनकी आवाज़ बनने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने किसानों की कठिनाइयों और उनकी समस्याओं को समझा और उनके अधिकारों के लिए हमेशा संघर्ष किया। चौधरी साहब ने भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियों और कार्यक्रमों की शुरुआत की, जो किसानों की स्थिति सुधारने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कारगर साबित हुईं। उनकी नीतियों ने कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास की दिशा में लंबा रास्ता तय किया और उन्हें हमेशा किसानों के हितों के लिए समर्पित नेता के रूप में याद किया जाता है।

राष्ट्रीय किसान दिवस, जो 23 दिसंबर को मनाया जाता है, किसानों के योगदान को सम्मानित करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन न केवल किसानों की कठिन मेहनत और उनकी समर्पण को सराहने के लिए है, बल्कि इस दिन कृषि और किसानों की समस्याओं पर चर्चा भी की जाती है और उनके समाधान के लिए उपायों की तलाश की जाती है। किसान दिवस पर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, नई पद्धतियों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है, ताकि वे अपनी खेती में बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही, यह दिन यह याद दिलाने का भी अवसर है कि किसान न केवल अन्नदाता हैं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी उनका अहम योगदान है। किसान दिवस के माध्यम से हम उनके संघर्ष और समर्पण को मान्यता देते हैं और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।