स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर मेट्रो ( metro ) रेल प्रोजेक्ट, जो शहर के विकास के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है, गंभीर अनियमितताओं और पर्यावरणीय चिंताओं का सामना कर रहा है। एमजी रोड से एयरपोर्ट और बंगाली चौराहा तक प्रस्तावित अंडरग्राउंड मेट्रो रूट में कई खामियां उजागर हुई हैं। इसको लेकर पर्यावरणविद किशोर कोडवाणी ने कलेक्टर और मेट्रो प्रोजेक्ट प्रबंधक को ज्ञापन सौंपते हुए परियोजना में हो रही खामियों की जांच और सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को रोकने और जन सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है।
metro की अनियमितताओं को लेकर कोडवानी ने बताया
कोडवानी ने मेट्रो ( metro ) की अनियमितताओं को लेकर बताया कि एयरपोर्ट से एमजी रोड तक प्रस्तावित अंडर ग्राउंड रूट पर कई अनियमितताएं हैं। सबसे बड़ी लापरवाही तो यही है कि इस रूट पर लगभग 12 से 14 ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। नियमानुसार, इन इमारतों के दोनों ओर 300-300 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद, इस रूट को मंजूरी दी गई है, जो न केवल इन धरोहरों के अस्तित्व के लिए खतरा है, बल्कि कानूनी प्रक्रियाओं की अवहेलना भी है। इसके अलावा भी कुछ अन्य मुद्दों पर बिंदवार जानकारी देते हुए लोगों की आपत्तियां और सुझाव लेने और प्रोजेक्ट का काम तुरंत रुकवाने की मांग की है।
भूजल स्तर पर गंभीर प्रभाव
यह योजना पूर्व से पश्चिम दिशा में बनाई गई है, जबकि शहर का प्राकृतिक प्रवाह उत्तर से दक्षिण है। निर्माण के लिए 80 से 120 फीट गहराई तक खुदाई करनी होगी, जिससे भूजल स्तर प्रभावित होने की आशंका है। शहर की आधी से अधिक आबादी पहले से ही भूजल पर निर्भर है।
पर्यावरणीय मंजूरी भी नहीं
परियोजना को अभी तक पर्यावरणीय प्रभाव आकलन समिति (ईआईए) से मंजूरी नहीं मिली है। यह मंजूरी न केवल कानूनी आवश्यकता है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जन सुनवाई और दावे-आपत्तियों की अनदेखी
परियोजना के तहत अब तक जनता की आपत्तियां और सुझाव नहीं लिए गए हैं। भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना 6 दिसंबर 2024 को जारी की गई, लेकिन उसमें कोई प्रकरण क्रमांक नहीं था। यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं में गंभीर चूक को दर्शाता है।
यातायात और आर्थिक व्यवहार्यता का अभाव
इस प्रोजेक्ट के तहत यातायात दबाव और आर्थिक व्यवहार्यता का कोई अध्ययन नहीं किया गया है। यह लापरवाही भविष्य में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
बीआरटीएस से सबक नहीं लिया
इंदौर के बीआरटीएस प्रोजेक्ट में हुई अनियमितताओं और यात्रियों को हुई असुविधाओं के बाद इसे तोडऩे के आदेश जारी किए गए थे। इससे साफ है कि प्रशासन ने मेट्रो परियोजना में भी अतीत से कोई सबक नहीं लिया है।
भारत सरकार की अधिसूचना पर सवाल
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 22 अगस्त 2024 को जारी अधिसूचना पर भी सवाल उठाए। इसमें कहा गया कि यह अधिसूचना बिना सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किए जारी की गई।