टीम इंडिया के सबसे युवा खिलाड़ी नीतीश कुमार रेड्डी ने क्रिकेट इतिहास में अपनी पहचान मजबूत कर ली है। पर्थ में डेब्यू करने के बाद, मेलबर्न में अपने करियर का पहला शतक जमाकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट में एक नई उपलब्धि हासिल की। मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन, उनकी शानदार पारी ने न केवल टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला, बल्कि कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी तोड़ दिए।
कठिन हालात में चमकी रेड्डी की पारी
मेलबर्न टेस्ट मैच के तीसरे दिन, टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 6 विकेट पर 191 रन बना लिए थे और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी से 283 रन पीछे थी। इस नाजुक स्थिति में क्रीज पर उतरे नीतीश कुमार रेड्डी ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर 127 रनों की अहम साझेदारी की। उनकी नाबाद 105 रनों की पारी ने दिन का खेल खत्म होने तक भारत को 9 विकेट पर 358 रनों तक पहुंचा दिया।
ऐतिहासिक शतक और रिकॉर्ड
नीतीश कुमार रेड्डी की पारी कई मायनों में खास थी। उन्होंने अपने पहले टेस्ट शतक के साथ ही मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर कई रिकॉर्ड्स बनाए और तोड़े।
- 8वें नंबर पर सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड: रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर 8वें या उससे नीचे के नंबर पर खेलते हुए रेजी डफ का 1902 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। डफ ने 10वें नंबर पर 104 रन बनाए थे।
- ऑस्ट्रेलिया में नया भारतीय रिकॉर्ड: नीतीश कुमार रेड्डी 8वें या इससे नीचे के नंबर पर शतक जमाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। इससे पहले इस पोजीशन पर अनिल कुंबले ने 2008 में एडिलेड में 87 रन बनाए थे।
- मेलबर्न में शतक जमाने वाले दूसरे भारतीय: रेड्डी मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपना पहला टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। इससे पहले 1948 में महान ऑलराउंडर वीनू मांकड़ ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
वॉशिंगटन सुंदर के साथ शानदार साझेदारी
रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर की शतकीय साझेदारी ने टीम इंडिया को मुश्किलों से उबारा।
- सुंदर ने 162 गेंदों पर 50 रन बनाए।
- रेड्डी ने 176 गेंदों पर 105 रन की नाबाद पारी खेली।
- पहली बार भारत की ओर से 8वें और 9वें नंबर के बल्लेबाजों ने एक ही पारी में 150 से अधिक गेंदों का सामना किया।
छक्कों के मामले में रिकॉर्ड बराबरी
नीतीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया में इस टेस्ट सीरीज में अब तक 8 छक्के जड़े हैं। यह किसी भी टेस्ट सीरीज में विरोधी टीम के खिलाड़ी द्वारा ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा छक्के मारने के रिकॉर्ड की बराबरी है। उन्होंने इंग्लैंड के माइकल वॉन (2002-03) और वेस्टइंडीज के क्रिस गेल (2009) के रिकॉर्ड को छुआ।
युवा सितारे की कामयाबी
नीतीश कुमार रेड्डी की यह पारी उनके क्रिकेट करियर का एक अहम पड़ाव साबित हुई। उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी न केवल टीम इंडिया के लिए प्रेरणा बनी, बल्कि यह भी दिखाया कि युवा खिलाड़ी दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। रेड्डी ने अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया को एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया और क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बना ली।