नववर्ष 2025 के पहले दिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और ओंकारेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। उज्जैन में बाबा महाकाल की प्रसिद्ध भस्म आरती में शामिल होने के लिए भक्त सुबह से ही बड़ी संख्या में पहुंचने लगे। मंदिर प्रशासन ने चलायमान व्यवस्था के तहत दर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, जिससे दर्शन में अधिक समय न लगे। मंदिर समिति के अनुसार, दिनभर में लगभग 5 लाख भक्तों के दर्शन करने का अनुमान है। भक्तों को 45 मिनट में दर्शन की सुविधा दी जा रही है, ताकि व्यवस्था सुचारू बनी रहे। नववर्ष के अवसर पर महाकाल मंदिर में भक्तों के उत्साह और आस्था का अद्भुत नज़ारा देखने को मिल रहा है।
2024 के आखिरी दिन, मंगलवार को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में देशभर से आए दो लाख से अधिक भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। तड़के सुबह 4 बजे भस्म आरती से शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला रात 11 बजे शयन आरती तक चलता रहा। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए, मंदिर प्रशासन ने चलायमान व्यवस्था लागू की थी, जिससे सभी भक्तों को सहजता से दर्शन का अवसर मिल सके। नववर्ष की पूर्व संध्या पर मंदिर में भक्तों की उमंग और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिला।
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन की खासियत
1. सुगम दर्शन व्यवस्था:
मंगलवार को लागू चलायमान दर्शन व्यवस्था के कारण भक्तों ने 45 से 60 मिनट में सुगमता से भगवान महाकाल के दर्शन किए।
2. शीघ्र दर्शन सुविधा:
अधिकारियों ने 250 रुपये की शीघ्र दर्शन व्यवस्था को जारी रखा। पहले इस सुविधा को बंद रखने का निर्णय लिया गया था, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए इसे चालू रखा गया।
3. विशेष शृंगार:
मंदिर में नित्य होने वाली पांच आरती में भगवान महाकाल का विशेष शृंगार किया गया, जो भक्तों के लिए बेहद आकर्षण का केंद्र रहा।
4. अलौकिक अनुभव:
भक्तों ने अवंतिकानाथ के अलौकिक स्वरूप के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस किया। मंदिर परिसर में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत माहौल रहा।
31 दिसंबर को ओंकारेश्वर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
1. अध्यात्म के साथ विदाई:
वर्ष 2024 को अध्यात्मिक शरण में विदा करने के लिए देशभर से एक लाख से अधिक श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचे।
2. भीड़ नियंत्रण के उपाय:
भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जेपी चौक पर बैरिकेडिंग लगाई गई और श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में मंदिर परिसर में प्रवेश दिया गया।
3. मंदिर के विशेष प्रबंध:
श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण मंदिर के पट देर रात तक खुले रहे।
4. विशेष प्रतिबंध:
• प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने वीआईपी दर्शन व्यवस्था को प्रतिबंधित कर दिया।
• भीड़ के मद्देनजर नावों के संचालन पर भी रोक लगाई गई, जिससे व्यवस्था सुचारू बनी रही।
ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह ने तीर्थनगरी में एक अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण किया।