Art Festival में जनजातीय क्षेत्रों की थीम पर छात्रों ने किया प्रदर्शन

स्वतंत्र समय, भोपाल

श्यामला हिल्स स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) में राष्ट्रीय स्तर का कला उत्सव ( Art Festival ) आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव अन्य लोग मौजूद थे। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से छात्रों ने अपनी कलात्मक प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान हिमाचली, कश्मीरी, लद्दाख और कई अन्य जनजातीय क्षेत्रों की थीम पर छात्रों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की शुरूआत स्वागत गीत ‘शुभ स्वागतम’ से हुई।

सीएम ने Art Festival में संस्कृति की महिमा को साझा किया

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कला उत्सव ( Art Festival ) के उद्घाटन के दौरान कहा कि यह एक सुखद सहयोग है कि प्रधानमंत्री ने 2015 में कला उत्सव प्रारंभ करवाने का निर्णय लिया, जिससे स्कूली छात्रों की कला को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। उन्होंने भारतीय कला और संस्कृति की महिमा को साझा करते हुए कहा कि भारत देश का इतिहास बहुत समृद्ध है, और इस देश में मृत्यु के बाद को ‘शांत होना’ कहा जाता है, जो हमारी संस्कृति और आस्था को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने गुरूकूल पद्धति का भी उल्लेख किया, जिसमें कला और विद्या को एक साथ देखा जाता था। उन्होंने भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी कई कलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि बांसुरी वादन, विराट स्वरूप और योग विद्या जैसी कलाएं भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं।

सभी कलाओं को जोड़ने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने इस कला उत्सव को एक मंच बताया, जहां सभी प्रकार की कलाओं को एक साथ जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। उनका मानना था कि इस कला उत्सव के माध्यम से छात्रों को अपनी संस्कृति और कला से जुडऩे का अद्भुत अवसर मिल रहा है। प्रोफेसर ज्योत्सना तिवारी ने बताया कि इस बार पारंपरिक कहानी वाचन जैसी विद्या को भी जोड़ा गया है। कार्यक्रम में 30 सब कैटेगिरी हैं। रिजल्ट 5 जनवरी को घोषित होगा और समापन 6 जनवरी को सम्मान कार्यक्रम के साथ होगा। एनसीईआरटी के डायरेक्टर प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि जो पुस्तकें बन रही हैं, उनमें भारतीयता की विशेषता होगी।