छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़े खुलासे किए हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कॉल डिटेल्स के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपियों को पहचान कर गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है, जो वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही चार्जशीट दाखिल करेगी।
पुलिस के मुताबिक, 1 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर को फोन कर एक स्थान पर बुलाया। जैसे ही मुकेश वहां पहुंचे, महेंद्र रामटेके और रितेश चंद्राकर ने पहले सिर पर वार किया और फिर चाकू से हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए सेफ्टिक टैंक में डाल दिया गया। वारदात की सूचना दोनों ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को फोन पर दी।
हत्या को अंजाम देने के बाद रितेश अगले ही दिन बीजापुर से रायपुर होते हुए दिल्ली भाग गया। पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि महेंद्र और दिनेश को बीजापुर में गिरफ्तार किया गया। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर है, जो अभी फरार है। पुलिस सुरेश की लोकेशन का पता लगा रही है और जल्द उसकी गिरफ्तारी का दावा कर रही है।
सड़क निर्माण के ठेके और विवाद का कनेक्शन
सुरेश चंद्राकर बीजापुर के रसूखदार ठेकेदारों में से एक है और सड़क निर्माण के कई प्रोजेक्ट्स का ठेका उसके पास है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने सुरेश द्वारा किए जा रहे सड़क निर्माण कार्यों की खामियों को उजागर किया था। पुलिस का मानना है कि इसी रिपोर्टिंग से नाराज होकर सुरेश ने हत्या की साजिश रची। घटना के बाद शव भी सुरेश के ठिकाने से ही बरामद किया गया था।
सुरेश चंद्राकर के अवैध निर्माणों पर प्रशासन की सख्ती
हत्याकांड के बाद प्रशासन ने सुरेश चंद्राकर के अवैध कब्जों और निर्माणों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार को सुरेश के ठिकानों पर जेसीबी से अवैध निर्माण गिराने का काम शुरू किया गया। प्रशासन ने सुरेश की संपत्तियों की जांच तेज कर दी है और उसके काले कारनामों की कुंडली खंगाली जा रही है।
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। एसआईटी मामले की जांच में जुटी है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।