घने कोहरे में कैसे संभव होती है सुरक्षित लैंडिंग? जानिए ILS सिस्टम की पूरी प्रक्रिया

Zero Visibility Landing System : उत्तर भारत में सर्दियों के साथ-साथ घने कोहरे का असर बढ़ता जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में कोहरे की मोटी चादर बिछी हुई है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण शनिवार को 19 फ्लाइट्स का रूट बदलना पड़ा, जबकि 200 से अधिक उड़ानें देरी से चलीं। इससे पहले शुक्रवार को 400 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई थी।

कोहरे से ट्रांसपोर्ट पर भारी असर

कोहरे का असर सिर्फ हवाई यातायात तक सीमित नहीं है। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। वहीं, ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया है। यात्रियों को देरी और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

घने कोहरे में एयरक्राफ्ट कैसे करते हैं लैंडिंग?

घने कोहरे के कारण फ्लाइट ऑपरेशन बाधित होता है, क्योंकि रनवे पर विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है। ऐसे में विमान इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) का सहारा लेते हैं। यह एक ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन सिस्टम है, जो पायलट को लैंडिंग के लिए सही दिशा और एंगल में गाइड करता है।

क्या है ILS और कैसे काम करता है?

इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा स्वीकृत एक लैंडिंग सहायक प्रणाली है। इसका उपयोग सामान्य या खराब मौसम में सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से ये उपकरण शामिल होते हैं:

  1. लोकलाइजर (Localizer): यह पायलट को लेटरल गाइडेंस (दिशात्मक मार्गदर्शन) प्रदान करता है। इसका ट्रांसमीटर और एंटीना रनवे की सेंट्रल लाइन पर स्थित होता है।
  2. ग्लाइड पथ (Glide Path): यह पायलट को वर्टिकल गाइडेंस (ऊर्ध्वाधर मार्गदर्शन) देता है, ताकि सही एंगल पर लैंडिंग की जा सके।
  3. डिस्टेंस मेजरिंग इक्विपमेंट (DME): यह विमान और रनवे के बीच की दूरी का सही आकलन करने में मदद करता है।
  4. रनवे लाइटिंग सिस्टम: रनवे पर लाइटिंग व्यवस्था की जाती है, ताकि पायलट को सही लैंडिंग पॉइंट का अंदाजा हो सके।

रनवे लाइटिंग सिस्टम की भूमिका

रनवे लाइटिंग सिस्टम पायलट को कोहरे के बीच रनवे का पता लगाने में मदद करता है। इसमें:

  • मिस्ड एप्रोच पॉइंट (MAP) की जानकारी।
  • रनवे की सेंट्रल लाइन से दूरी का अनुमान।
  • गलत दिशा या ऊंचाई पर अलर्ट देने की सुविधा।

यह पूरी प्रणाली सुनिश्चित करती है कि विमान कोहरे के बीच भी सुरक्षित तरीके से लैंड कर सके।

फ्लाइट ऑपरेशन पर कोहरे का व्यापक असर

लगातार दूसरे दिन दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन प्रभावित हुआ। शनिवार को 19 फ्लाइट्स का रूट बदलना पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हुई। हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार, ILS सिस्टम और विजिबिलिटी हेल्पर्स के बावजूद घने कोहरे के कारण उड़ानों में देरी हुई है।