Electric Scooter Fire: चार्जिंग पर लगी थी इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी, आग लगने से 11 साल की बच्ची की मौत

Electric Scooter Fire: शनिवार और रविवार की दरमियानी रात, रतलाम के लक्ष्मणपुर पीएनटी कॉलोनी में एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक मकान में चार्जिंग के लिए रखी गई ई-स्कूटर में अचानक आग लग गई। आग ने पास में खड़ी एक्टिवा को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में 11 वर्षीय बालिका की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि परिवार के दो अन्य सदस्य घायल हो गए। दमकल विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। हादसे की वजह की जांच की जा रही है, जिसमें ई-स्कूटर की चार्जिंग प्रक्रिया और शॉर्ट सर्किट की संभावना को ध्यान में रखा जा रहा है। यह घटना ई-वाहनों की सुरक्षा और चार्जिंग के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित करती है।

जानकारी के मुताबिक, रतलाम के पीएनटी कॉलोनी में दीपक किराना के पास रहने वाले भगवती मौर्य और उनके परिवार ने रात में ई-स्कूटर चार्जिंग पर लगाई और सो गए। रात में चार्जिंग पूरी होने के बाद स्कूटर से चिंगारियां निकलने लगीं, जिससे आग भड़क उठी। आग ने पास में खड़ी एक्टिवा को भी अपनी चपेट में ले लिया।

आग इतनी तेज थी कि घर के अंदर मौजूद लोगों को बचने का मौका नहीं मिल सका। हादसे में 11 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि परिवार के अन्य दो सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

फिलहाल, पुलिस और दमकल विभाग घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या चार्जिंग उपकरण में खराबी को हादसे का संभावित कारण बताया जा रहा है। यह घटना ई-वाहनों की चार्जिंग के दौरान सावधानी बरतने की अहमियत को रेखांकित करती है।

आग लगने के दौरान घर में सभी सदस्य सो रहे थे। जैसे ही आग से धुंआ हुआ, उनकी नींद खुली और उन्होंने मदद के लिए शोर मचाया। इसके बाद, आसपास के लोगों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। घर के अन्य सदस्यों को जैसे तैसे बाहर निकाल लिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश, 11 साल की बच्ची, अंतरा चौधरी, आग की चपेट में आकर अंदर ही रह गई और उसकी मौत हो गई।

घटना की जानकारी मिलने के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आग को पूरी तरह से बुझाया। इस हादसे ने एक बार फिर से घरों में आग की सुरक्षा उपायों और सावधानियों की आवश्यकता को उजागर किया है। जांच की जा रही है कि आग लगने की असल वजह क्या थी, और इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

थोड़ी देर बाद, आग बुझाने के प्रयासों के बाद, 11 वर्षीय बच्ची, अंतरा चौधरी, को भी बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक वह झुलस चुकी थी। उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

अंतरा अपनी मां सोनाली के साथ अपने नाना भगवती मौर्य के घर आई हुई थी और उन्हें रविवार सुबह ही बड़ोदरा, गुजरात वापस जाना था। इस दुखद घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, और स्थानीय समुदाय में भी शोक की लहर दौड़ गई है। यह घटना परिवार के लिए एक बड़ा आघात बनकर सामने आई है और पूरे इलाके में सुरक्षा और सावधानी बरतने की आवश्यकता पर गंभीर चर्चा हो रही है।

शनिवार को छोटी बहन का जन्मदिन मनाने के बाद परिवार खुश था, लेकिन इसी दिन एक दुखद हादसा हो गया। जन्मदिन की खुशियाँ पल भर में मातम में बदल गईं। इस हादसे में भगवती मौर्य और उनकी 12 वर्षीय बेटी लावण्या घायल हो गए। दोनों को तुरंत मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय परिषद कविता महावर, सुनील महावर और अन्य स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार के साथ खड़े हो गए। पूरे इलाके में इस हादसे ने शोक की लहर दौड़ाई है, और परिवार को इस दुख की घड़ी में सहारा देने की कोशिश की जा रही है।