भाजपा District President चुनने में आ रहा पदाधिकारियों को पसीना

रामानंद तिवारी , भोपाल

मप्र भाजपा के संगठन चुनाव में इस बार सबसे अधिक खींचतान देखी जा रही है। खासकर जिलाध्यक्षों ( District President ) के चुनाव को लेकर। आलम यह है कि इस बार जिलाध्यक्ष के लिए जहां युवा जोर लगा रहे हैं, वहीं मठाधीश, यानी पूर्व सांसद, विधायक और मेयर भी लॉबिंग कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश संगठन भी असमंजस में है। इसलिए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का मामला केंद्र के पाले में डाल दिया गया है। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में जिला अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिला प्रभारी एवं पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में इसके लिए एक-एक महिला नेत्री का नाम भी अपनी सूची में दिया है।

पूर्व सांसद पूर्व विधायक भी District President की दौड़ में

इस बार कई पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी जिला अध्यक्ष ( District President ) पद की दौड़ में शामिल है। इसके अलावा पूर्व मेयर और नगरपालिका अध्यक्ष भी दावेदारी ठोक रहे हैं। जिलाध्यक्ष बनने के लिए विधायक रहे कई नेता भी ताल ठोक रहे हैं। सागर से पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह भी जिलाध्यक्ष बनने के लिए दावा ठोक रहे है। वे पूर्व मंत्री और विधायक भूपेन्द्र सिंह की पसंद बताए जाते हैं। रायशुमारी में उनका भी नाम आया है। इसके अलावा टीकमगढ़ से पूर्व विधायक राकेश गिरी जिलाध्यक्ष बनने की कतार में हैं। वे कई नेताओं से मिलकर अपना पक्ष रख चुके हैं। वहीं निवाड़ी से पूर्व विधायक शिशुपाल सिंह भी जिलाध्यक्ष की दावेदारी कर रहे हैं। रीवा के पूर्व मेयर वीरेन्द्र गुप्ता भी जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में है। वही सिवनी से युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार भी दावेदार है। छतरपुर नगरपालिका की अध्यक्ष रही अर्चना सिंह ने भी जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जताई है। इसके अलावा कुछ वर्तमान और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी जिलाध्यक्ष बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

कुछ बड़े जिले होंगे होल्ड

पार्टी के राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश इस सूची के लेकर केन्द्रीय नेताओं से चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि प्रदेश के नेताओं ने ही बैठक में अधिकांश जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल कर दिए है। अब दिल्ली में केवल औपचारिकता शेष है। माना जा रहा है कि बड़े जिलों में नेताओं में समन्वय न बन पाने की स्थिति में कुछ जिलों के अध्यक्ष का नाम होल्ड पर रखा जाएगा।

महिलाओं ने भी ठोकी दावेदारी

भाजपा नेतृत्व ने इस बार संगठन चुनाव में मंडल से लेकर जिलाध्यक्ष, प्रदेशाध्यक्ष समेत अन्य पदों पर महिलाओं को जिम्मेदारी देने का निर्णय किया है। सूत्रों की माने तो करीब चालीस से अधिक जिलों से महिलाओं के नाम संगठन के पास भेजे गए हैं। इन्हें रायशुमारी के बाद पैनल में शामिल किया गया है। जिन महिला नेत्रियों के नामों की चर्चा है उनमें इंदौर से दिव्या गुप्ता, भोपाल से वंदना जाचक का नाम शामिल है। वंदना अभी महिला मोचा की जिलाध्यक्ष है। वही बैतूल से रश्मि साहू, दतिया से मीनाक्षी कटारे, रजनी रावत, मुरैना से मधु दंडोतिया, राजगढ़ से नीलम सक्सेना, बड़वानी से अंजना पटेल धार से कुसुम सोलंकी, देवास से माया पटेल, मंदसौर से प्रियंका गोस्वामी, नीमच से हेमलता धाकड़, छिंदवाड़ा से गरिमा दामोदर, नरसिंहपुर से बीना ओसवाल, सिवनी से नीता पटेरिया, मंडला से शशि पटेल, शहडोल से अनिता चापरा, सीधी से पूनम सोनी, रीवा से विभा पटेल, पन्ना से मीना राजे, दमोह से कविता राय, टीकमगढ़ से सरोज राजपूत, श्योपुर से सरोज तोमर, शिवपुरी से सीमा शिवहरे के नाम दौड़ में शामिल है।

एक दर्जन जिलों में अधिक खींचतान

जिलाध्यक्षों को लेकर ज्यादातर जिलों के नामों पर सहमति बन चुकी है। जबकि भोपाल,इंदौर,ग्वालियर एवं सागर समेत एक दर्जन जिलों के अध्यक्षों के नाम पर बड़े नेताओं के दखल की वजह से सहमति नहीं बन पाई है। इस बार धार और सागर जिले को दो भागों में बांटकर दो-दो जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। नामों के पैनल की सूची दिल्ली पहुंच चुकी है। वहां से हरी झंडी मिलते ही आज या कल में भाजपा जिलाध्यक्षों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के लिए कई वरिष्ठ नेता भी जोर लगा रहे हैं। इनमें पूर्व संभागीय संगठन मंत्री,पूर्व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नेता, मौजूदा प्रदेश पदाधिकारी भी जिलाध्यक्ष के लिए सक्रिय हैं।

भाजपा मीडिया विभाग के प्रदेश पदाधिकारी भी दौड़ में

भाजपा मीडिया विभाग के प्रदेश पदाधिकारी भी जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे हैं। बड़े नेता अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनवाने या फिर दूसरा कार्यकाल दिलाने के लिए भी सक्रिय हैं। इस बार भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में वरिष्ठ नेताओं का दखल सामने आएगा। इस वजह से कुछ जिलों में विवाद की स्थिति भी बन सकती है।