स्वतंत्र समय, भोपाल
पूर्व सीएस इकबाल सिंह के नजदीकी बिल्डर के यहां पडेÞ आईटी छापे के बाद नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ( Jeetu Patwari ) ने आरोप लगाया कि भोपाल के सेंट्रल पार्क में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के बेटे, पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह और भाजपा विधायक सुदेश राय सहित कई बड़े अफसरों की भी जमीनें हैं।
Jeetu Patwari बोले- मोहन सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी
पटवारी ( Jeetu Patwari ) ने सोशल मीडिया एक्स पर जमीनों के दस्तावेज भी जारी किए। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को भोपाल में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा सहित अन्य बिल्डर्स के यहां छापा मारा था। उसी राजेश शर्मा का कुणाल बिल्डर्स के जॉइंट वेंचर में सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में काम चल रहा है। पटवारी ने एक्स पर लिखा- मोहन सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है, यह तथ्य बार-बार स्थापित होता जा रहा है। इसीलिए, मैं बार-बार लगातार दोहरा भी रहा हूं- यह ‘पर्ची’ बहुत महंगी है। उन्होंने कहा-यह सरकार क्रप्शन, भ्रष्टाचार से बनी है।
सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में इनके नाम पर जमीनें
सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट को लेकर सामने आए एक भू-अभिलेख के दस्तावेज में भोपाल के सेवनिया गौड में भोपाल तालाब के लो डेंसिटी एरिया में चल रहे सेंट्रल पार्क आवासीय प्रोजेक्ट में कुणाल बिल्डर्स डेवलपर्स के डायरेक्टर विजय कुमार अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, रीतेश हरवानी, संगीता हरवानी, राधिका पत्नी राजेश शर्मा, कृष्णा बंसल, मीनू गोयल पत्नी युवराज गोयल के नाम पर जमीनें हैं। वहीं कनिका कल्याणी पत्नी सुमित कल्याणी, गौरव जैन वैभव गोयल, रिशु कटारिया पत्नी आलोक कटारिया, अलोक कटारिया, सैयद विकार हुसैन, सुदेश राय, हर्ष देवड़ा पुत्र जगदीश देवड़ा, दीपक भावसार, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, ज्ञानवती पटेल, मीना पांडेय पत्नी एके पांडेय, भूपेन्द्र सिंह ठाकुर के नाम जमीनें और प्लॉट की जानकारी सामने आई है।
डिप्टी सीएम की वीडी से बंद कमरे में चर्चा
पटवारी के द्वारा ट्वीट कर जमीनों के दस्तावेज सार्वजनिक किए जाने के बाद रविवार दोपहर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने बंद कमरे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से करीब 15 मिनट तक चर्चा की। इस दौरान बेटे के नाम पर सेंट्रल पार्क में जमीन सामने आने पर कहा कि जहां बात करना है वहां करो।
फर्जी रिटर्न भरते थे राजेश-राधिका शर्मा के बयान में खुलासा
आयकर विभाग की छापेमारी की जद में आए त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के प्रमोटर राजेश शर्मा और उनकी पत्नी राधिका शर्मा इनकम टैक्स रिटर्न में फर्जी जानकारी भरते थे। इसका खुलासा उन्होंने खुद आयकर विभाग के अफसरों को दिए रिकॉर्डेड बयान में किया है। विभाग को आशंका है कि प्रॉपर्टी में अघोषित निवेश के जरिए कम से कम 50 करोड़ रुपए की आयकर चोरी इन्होंने की है। जिसके लिए मल्टी वेंचर्स कंपनी बनाकर उसमें खुद की भूमिका पार्टनर के रूप में रखी थी और इसी के जरिए अघोषित निवेश और कैश ट्रांजैक्शन किया जा रहा था। आयकर विभाग ने राजेश शर्मा और उसकी पत्नी राधिका शर्मा के खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 132 (4) और 132 (9) में पूछताछ की है। सर्च के दौरान और इसके बाद दोनों के जो बयान लिए गए हैं, उसे रिकॉर्ड किया गया है। इसी में आयकर की बड़ी चोरी का खुलासा हुआ है।