जो खुद भ्रष्टाचार का आरोपी, वह अधिकारी करेगा 800 करोड़ के scams की जांच

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र सरकार ने जबलपुर में 800 करोड़ की लागत से फ्लाई ओवर के निर्माण में हुए घोटाले ( scams ) की जांच का जिम्मा जिस अफसर को सौंपा है, वह खूद भ्रष्टाचार का आरोपी है और सरकार ने इंदौर में 83 करोड़ की लागत से निर्मित की गई जिला अदालत में हुए घोटाले के आरोप में नोटिस थमाया है। ऐसे में ये अधिकारी क्या जांच करेंगे? इस पर सवाल उठ रहे हैं।

scams में संभावित दोषी का पहले ही ट्रांसफर

उधर, जिस अफसर के इसमें दोषी होने की संभावना है, उस अफसर का सरकार ने पहले ही ट्रांसफर कर दिया है। राज्य सरकार ने जबलपुर में 800 करोड़ की लागत से निर्मित कराए गए फ्लाइओवर निर्माण में बड़े घोटाले ( scams ) की आशंका के चलते वहां पदस्थ रहे प्रभारी चीफ इंजीनियर एससी वर्मा का तबादला 3 जनवरी को परिक्षेत्र रीवा कर दिया और जबलपुर की जिम्मेदारी आरएल वर्मा को सौंपी है, जो कि परिक्षेत्र सागर में पदस्थ थे। जबकि एससी वर्मा ने विभाग का मुखिया ईएनसी बनने के लिए काफी हाथ-पैर मारे और पुर्न डीपीसी कराने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का इस्तेमाल भी किया। जब सरकार ने उन्हें जबलपुर से हटाकर रीवा में पदस्थ कर दिया है, तो फ्लाईओवर के निर्माण में हुए घोटाले, घटिया निर्माण में दोषी पाए जाने वाले छोटे अधिकारियों पर इसकी गाज गिराने की तैयारी है। जबकि फ्लाई ओवर का पूरा काम एससी वर्मा की देखरेख में ही कराया गया है।

घोटालेबाज को बनाया जांच समिति का अध्यक्ष

राज्य सरकार ने फ्लाईओवर निर्माण में हुए घोटाले की जांच के लिए प्रभारी चीफ इंजीनियर सेतू जीपी वर्मा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की है। इस कमेटी में सेतू मंडल ग्वालियर के अधीक्षण यंत्री व्हीके ऌाा, ईएनसी दफ्तर में पदस्थ कार्यपालन यंत्री कुलदीप सिंह तथा केंद्रीय प्रयोगशाला अनुसंधान भोपाल के सहायक यंत्री संजय कुलकर्णी को सदस्य नियुक्त किया है। कमेटी को 15 दिन के भीतर मामले की जांच कर सरकार को सौंपना है। सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए जिस अधिकारी को इंचार्ज बनाया है, उसे तीन महीने पहले ही सरकार ने इंदौर में जिला अदालत के निर्माण में अनुभवहीन ठेकेदार को 83 करोड़ का ठेका देने के आरोप में आरोप पत्र दे रखा है और जीपी वर्मा ने अभी तक आरोप पत्र का जवाब देना तक उचित नही माना। ऐसे भ्रष्टाचार के आरोपी को जांच अधिकारी बनाए जाने पर पीडब्ल्यूडी के ही अधिकारी सवाल उठा रहे हैं।