कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री पद और पार्टी नेता के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह निर्णय अपनी सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच विचार-मंथन के बाद लिया। इस निर्णय की घोषणा उन्होंने देश को संबोधित करते हुए की, जिसमें उन्होंने बताया कि यह फैसला उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लंबी चर्चा के बाद लिया है।
आंतरिक विवादों और आलोचनाओं का असर
अपने इस्तीफे के संदर्भ में ट्रूडो ने कहा कि पार्टी में चल रहे आंतरिक विवादों ने कामकाजी माहौल को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। उनका मानना है कि अब समय आ गया है जब पार्टी और देश को नया नेतृत्व और ऊर्जा मिलनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नए नेता के चुने जाने तक वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे।
नए नेता के लिए समय
जस्टिन ट्रूडो ने अपने आखिरी भाषण में यह भी कहा कि वह हमेशा देश और पार्टी के लिए उपलब्ध रहेंगे, लेकिन अब वह नए नेता को अवसर देना चाहते हैं ताकि पार्टी एक नई दिशा में आगे बढ़ सके। इस फैसले से कनाडा की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि ट्रूडो पिछले नौ वर्षों से प्रधानमंत्री पद पर काबिज थे और उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।
संसद को स्थगित करने का अनुरोध
अपना इस्तीफा देने के साथ ही ट्रूडो ने गवर्नर जनरल से संसद को 24 मार्च तक स्थगित करने का अनुरोध किया है, ताकि नए पार्टी नेता का चुनाव और सरकार के आगामी फैसलों के लिए समय मिल सके।
पियरे पोलिएवरे पर प्रतिक्रिया
अपने संबोधन में ट्रूडो ने कनाडा के कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिएवरे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पोलिएवरे कनाडा का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं और उनकी जलवायु परिवर्तन और आर्थिक नीतियां देश के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।
क्लाइमेट चेंज के लिए लड़ाई जारी रखी
इससे पहले ट्रूडो ने इस्तीफा न देने के कारण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने क्लाइमेट चेंज के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने, यूक्रेन का समर्थन करने और कनाडा के नागरिकों के लिए काम करने के कारण कभी इस्तीफा नहीं दिया।