कौन हैं ISRO के नए चीफ V नारायण, 14 जनवरी को संभालेंगे पद

वरिष्ठ अंतरिक्ष विज्ञानी और क्रायोजनिक इंजन के विशेषज्ञ वी नारायण को केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। नारायण 14 जनवरी को एस. सोमनाथ की जगह अपना पदभार ग्रहण करेंगे। एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था, और अब दो साल बाद वे अपने कार्यालय से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस दो साल के कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों पर काम किया, जो इसरो के लिए मील का पत्थर साबित हुए।

वी नारायणन वर्तमान में तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में स्थित इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक हैं। मंगलवार को एक देर शाम जारी की गई अधिसूचना में, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने घोषणा की कि नारायणन की इसरो के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति 14 जनवरी से दो साल या अगले आदेश तक प्रभावी होगी। नारायणन की विशेषज्ञता रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रोपल्शन के क्षेत्र में है, और वह अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी होंगे।

वी. नारायण ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा तमिल माध्यम के स्कूलों से प्राप्त की, इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एमटेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की। एमटेक में पहले स्थान पर आने के कारण उन्हें सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ था। 1984 में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल होने के बाद विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसके बाद, 2018 में उन्होंने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला, जहां उनके नेतृत्व में महत्वपूर्ण कार्य हुए।

एस. सोमनाथ ने जनवरी 2022 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख का पद संभाला था और वे के. सिवन के बाद इसरो के 11वें अध्यक्ष बने। एस. सोमनाथ एक प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर हैं और इससे पहले वे इसरो के लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम के निदेशक रहे थे। उनके नेतृत्व में इसरो ने कई महत्वपूर्ण मिशनों को सफलता से अंजाम दिया, जिनमें चंद्रयान-3 और जीएसएलवी जैसे महत्वाकांक्षी मिशन शामिल हैं, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर साबित हुए।