विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में बढ़ रही HMPV (ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस) को लेकर चिंता को दूर करते हुए इसे “साधारण वायरस” बताया है। WHO ने कहा कि यह वायरस नया नहीं है, बल्कि 2001 में ही इसकी पहचान हो चुकी थी। यह लंबे समय से सर्दी और बसंत के मौसम में सक्रिय रहता है और मुख्य रूप से श्वसन संबंधी और सामान्य जुकाम जैसी समस्याओं का कारण बनता है।
चीन के बाद भारत में HMPV के मामले
हाल ही में चीन में HMPV के कई मामले सामने आए, जिसके बाद भारत में भी इस वायरस के मरीज मिलने लगे। इससे लोगों में भय और अटकलें तेज हो गईं कि कहीं यह वायरस भी कोरोना की तरह खतरनाक न साबित हो। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पहले ही लोगों से घबराने से बचने की अपील की थी। अब WHO के बयान ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
भारत में अब तक 9 मामले दर्ज
HMPV के भारत में कुल 9 मामले सामने आ चुके हैं। बुधवार को महाराष्ट्र के हीरानंदानी अस्पताल में 6 माह की बच्ची में संक्रमण का पता चला, जो देश का नौवां मामला है।
- कर्नाटक: 2 मामले
- तमिलनाडु: 2 मामले
- महाराष्ट्र: 3 मामले
- पश्चिम बंगाल और गुजरात: 1-1 मामला
WHO का बयान: घबराने की जरूरत नहीं
WHO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि HMPV कोई घातक वायरस नहीं है। यह एक सामान्य वायरस है जो हर साल सर्दियों और बसंत के दौरान फैलता है। इसके संक्रमण से हल्के लक्षण जैसे जुकाम और श्वसन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
चिंता नहीं, सावधानी बरतें
विशेषज्ञों ने HMPV को लेकर घबराने की बजाय सतर्क रहने की सलाह दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO ने साफ किया है कि यह कोरोना की तरह खतरनाक नहीं है और आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या करें:
- संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोएं।
- खांसते और छींकते समय सावधानी बरतें।
- सर्दी और बुखार होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।