स्वतंत्र समय, भोपाल
सागर में तीन दिन पहले केशरवानी एंड एसोसिएट्स पर की गई छापेमारी ( IT raid ) में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राजेश केशरवानी और बृजेश केशरवानी मनी लेंडिंग (ब्याज पर उधार देने) का काम करते थे और इसी की बदौलत करोड़पति बने हैं।
IT raid में मिले बेनामी संपत्ति के दस्तावेज
छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को उनके ठिकानों से लगभग 100 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। वहीं, फर्म में साझेदारी करने वाले पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के भाई और परिजन परिजनों के यहां से बड़ी मात्रा में सोना और कैश मिला है। आयकर विभाग ने रविवार को सागर जिला मुख्यालय में तीन परिसरों में छापा मारा था। यह छापेमारी केशरवानी परिवार और पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के परिवार परिसर में की गई थी। इसके अलावा केशरवानी से जुड़े राकेश छावड़ा के यहां भी टीम ने छापा मारा था। छापे की कार्रवाई के बाद जांच में यह बात सामने आई है कि केशरवानी परिवार मनी लेंडिंग का काम करता था। राजेश केशरवानी और उसका भाई बृजेश लोगों को उधार पर पैसे देता थे और जब कोई व्यक्ति पैसे नहीं चुका पाता था तो उसकी जमीन के दस्तावेज, कार, बाइक या अन्य संपत्ति कब्जे में ले लेता था। इसके अलावा वह रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस में भी शामिल है।
140 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का अनुमान
जांच में यह बात सामने आई है कि मनी लेंडिंग की बदौलत वह करोड़पति बना और आयकर जांच में अकेले उसके घर से 140 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का अनुमान है। इसमें से 100 करोड़ की प्रॉपर्टी बेनामी रूप में सामने आई है। जिसकी पड़ताल कर बेनामी प्रॉपर्टी के मालिकों की जानकारी जुटाई जा रही है। केशरवानी परिवार के यहां मिले सात फार्च्यूनर, क्रिस्टा, इनोवा समेत अन्य लग्जरी वाहन मनी लेंडिंग के ही परिणाम बताए जा रहे हैं। ये सभी वाहन केशरवानी के परिजन एक साल से अधिक समय से चला रहे थे। केशरवानी के खिलाफ बिजली चोरी का प्रकरण दर्ज होने की भी बात सामने आई है।