स्वतंत्र समय, प्रयागराज
मेला प्रशासन का अनुमान है कि सर्वाधिक 21 प्रतिशत लोगों के जौनपुर रूट से महाकुंभ ( Mahakumbh ) पहुंचने की संभावना है, जबकि रीवा और बांदा मार्ग से 18 प्रतिशत श्रद्धालु आएंगे। वाराणसी मार्ग से 16 प्रतिशत, कानपुर मार्ग से 14 फीसदी, मिजार्पुर मार्ग से 12 फीसदी श्रद्धालु आ सकते हैं। लखनऊ मार्ग से 10 प्रतिशत और प्रतापगढ़ मार्ग से 9 प्रतिशत लोगों के आने की संभावना है। प्रयागराज में एंट्री के लिए मुख्य रूप से 7 रास्ते हैं। बस और निजी वाहन से आने वाले लोग इन्हीं रास्तों से होते हुए संगम पहुंचेंगे। कुल 6 राजसी स्नान (शाही स्नान) हैं। इसमें मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर ज्यादा भीड़ होगी।
Mahakumbh में जिलेभर में छोटी-बड़ी कुल 102 पार्किंग, 24 सैटेलाइट
राजसी स्नानों से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक कुंभ मेला ( Mahakumbh ) क्षेत्र नो व्हीकल जोन होगा। यह नियम उन सडक़ों पर लागू होगा, जो सीधे संगम को जाती हैं। बस के जरिए अगर आप लखनऊ या अयोध्या की तरफ से जा रहे हैं तो मलाका के ही पास आपकी बस खड़ी हो जाएगी। इसी तरह से कानपुर, वाराणसी, जौनपुर, मिजार्पुर, चित्रकूट से आने वाली बसों को भी संगम से करीब 10 किलोमीटर पहले रोक दिया जाएगा। निजी वाहनों को सुविधानुसार ही आगे आने दिया जाएगा। प्रशासन ने पूरे जिले में कुल छोटी और बड़ी 102 पार्किंग बनाई हैं। इनमें 70 प्रतिशत पार्किंग स्नान घाट से 5 किलोमीटर के अंदर हैं। बाकी 30 प्रतिशत पार्किंग 5 से लेकर 10 किलोमीटर की दूरी पर हैं। 24 सैटेलाइट पार्किंग हैं, इनमें से 18 मेला क्षेत्र में और 6 प्रयागराज शहर में। यहां पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक इलाज, पब्लिक एड्रेस सिस्टम मौजूद है।