प्रदेश में इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदने के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीयन 20 जनवरी से प्रारंभ होगा। प्रदेशभर में 4,000 उपार्जन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह घोषणा प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ हुई बैठक में की। बैठक में गेहूं उपार्जन की तैयारियों पर चर्चा की गई। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और उपार्जन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। किसानों को पंजीयन और उपार्जन केंद्रों की विस्तृत जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी।
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी बैठक में वर्चुअल रूप से जुड़े थे। इस दौरान प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की मेकेनाइज्ड क्लीनिंग के लिए मशीनें लगाने का प्रस्ताव है, जिससे खराब गेहूं की खरीदी पर अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने समितियों को दिए जाने वाले कमीशन की राशि बढ़ाने की बात भी कही और गेहूं एवं चावल के द्वितीय त्रैमास के प्रावधानित अनुदान की लंबित राशि जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया। बैठक में प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त खाद्य सिबि चक्रवर्ती सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद 23 जनवरी तक जारी रहेगी। अब तक 6.22 लाख किसानों से 40 लाख टन से अधिक धान का उपार्जन किया जा चुका है, जिसके लिए 6,489 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के खातों में किया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि अब तक 32 लाख 84 हजार 233 टन धान का परिवहन किया जा चुका है, जबकि 9.27 लाख टन धान मिलिंग के लिए मिलर्स को भेजी गई है। सरकार ने 45 लाख टन धान उपार्जन का लक्ष्य तय किया है और विभागीय अधिकारियों को मिलर्स को धान देने की गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।