केंद्र सरकार का OMSS नीति के तहत बड़ा फैसला, FCI ने राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों के लिए उठाया ये बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों को राहत देते हुए खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) के चावल का आरक्षित मूल्य 550 रुपये प्रति क्विंटल घटा दिया है। अब राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों को यह चावल 2,250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा। यह कदम चावल की बिक्री को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों को विशेष छूट

खाद्य मंत्रालय के आदेश के अनुसार, राज्य सरकारें और राज्य संचालित निगम 12 लाख टन तक चावल खरीद सकते हैं, जबकि इथेनॉल डिस्टिलरी को 24 लाख टन तक कम दर पर खरीदने की अनुमति दी गई है। पहले यह आरक्षित मूल्य 2,800 रुपये प्रति क्विंटल था। नई नीति 30 जून 2025 तक लागू रहेगी, जिससे राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।

अन्य हितधारकों के लिए पुराने नियम बरकरार

जहां राज्यों और इथेनॉल डिस्टिलरी को छूट दी गई है, वहीं निजी व्यापारी और सहकारी समितियों को चावल के लिए 2,800 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करना जारी रखना होगा। हालांकि, केंद्रीय सहकारी संस्थाएं जैसे नैफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार, जो ‘भारत’ ब्रांड के तहत चावल बेचती हैं, 2,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इसे खरीद सकती हैं।

इथेनॉल उत्पादन में मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि 2024-25 के दौरान 110 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन के लिए एफसीआई के चावल का उपयोग किया जाए। जहां संभव हो, पुराने चावल के स्टॉक को प्राथमिकता दी जाएगी। यह फैसला इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

OMSS नीति का उद्देश्य

खाद्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि OMSS नीति का मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और चावल के कुशल वितरण को सुनिश्चित करना है। यह फैसला राज्यों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा।

बाजार में स्थिरता लाने का प्रयास

यह कदम चावल की अपेक्षाकृत कम बिक्री और खुले बाजार में उसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। सरकार का मानना है कि इस संशोधन से बाजार में स्थिरता आएगी और चावल की कीमतें नियंत्रित रहेंगी।