इंदौर के 85 वार्डों में आज से शुरू होगा cleanliness survey

स्वतंत्र समय, इंदौर

दुनिया के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण ( cleanliness survey  ) 25 की शुरुआत होने में अब कुछ ही शेष रह गए है। मंत्रालय की तरफ से सर्वेक्षण की तिथि जारी होना बाकी है। स्वच्छता सर्वेक्षण में आठवीं बार खिताब जीतने के लिए इंदौर नगर निगम ने तैयारियां भी शुरु कर दी है। इसी के तहत भारत सरकार के सर्वेक्षण से पहले नगर निगम स्थानीय स्तर सर्वेक्षण की शुरुआत कर रहा है ताकि जो पता चल सकेगा की स्वच्छता में कहां कमी- पेशी है।

18 से 27 जनवरी तक होगा cleanliness survey

नगर निगम 18 से 27 जनवरी तक शहर की सफाई व्यवस्था, सुंदरता और कचरा प्रबंधन देखने के लिए 85 वार्डों में स्वच्छता सर्वेक्षण ( cleanliness survey ) आयोजित कर रहा है। 85 वार्ड में सर्वेक्षण का आकलन किया जाएगा। निगम के इस अभियान में सर्वश्रेष्ठ पार्षद का चयन भी किया जाएगा। निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम सफाई के हर क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है। जहां जहां कमजोरी दिख रही है उसे दूर करने का प्रयास भी किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर होने वाले सर्वेक्षण में बाकयदा वार्डों की रैकिंग भी जारी की जाएंगी। कमिश्नरने बताया की हर वार्ड में पूरी तरह से स्वच्छता का आकलन किया जाएगा। आकलन के आधार पर वार्ड को चुना जाएंगा। यह अभियान भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 अभियान के तहत किया जा रहा है।

चयन के लिए मापदंड तैयार

कमिश्नर के मुताबिक शहर के 85 वार्डों का सर्वेक्षण के बाद सर्वश्रेष्ठ वार्ड का चयन किया जाएगा। इसके लिए निगम ने वार्ड चयन के लिए मापदंड भी तैयार कर लिए है।18 जनवरी से 27 जनवरी तक शहर के सभी 85 वार्ड में सर्वेक्षण शुरु होगा। इसके बाद निगम द्वारा 28 जनवरी से एक फरवरी तक वार्ड रैंकिंग के लिए सभी वार्डों में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान शुरु किया जाएगा। इस अभियान के तहत हर वार्ड का सफाई मूल्यांकन होगा। इस मूल्याकंन के दौरान यह भी देखा जाएंगा की वार्ड में पार्षद ने किस तरह से अपनी भूमिका निभाई है और सफाई में कितना योगदान दिया है।

इन बिंदुओं पर होगा मूल्यांकनः निगमायुक्त वर्मा और स्वच्छ भारत मिशन के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि वार्ड रेंकिग के मूल्यांकन के लिए मुख्य रूप से 6 बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इसमें…

  • वार्ड की स्वच्छता व्यवस्था और उसकी प्रभावशीलता।
  • नागरिकों की जागरूकता और उनकी भागीदारी।
  • कचरा प्रबंधन व संडीगेशन की प्रक्रिया।
  • वार्ड के अंदर संसाधनों एवं सफाई कर्मचारियों कर उचित प्रबंधन।
  • वार्ड पार्षद की स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका।
  • प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन के उपाय।
  • जैविक खाद और अपशिष्ट में ऊर्जा की प्रक्रिया।
  • नागरिकों के बीच डिजिटल माध्यम के जागरूकता का अभियान।
  • वार्ड में किए गए स्वच्छता के नवाचार।