Magh Gupt Navratri 2025: माघ मास की गुप्त नवरात्रि इस वर्ष 30 जनवरी 2025 से शुरू होगी। पंचांग के अनुसार, इस बार देवी आराधना का पर्वकाल आठ दिन का रहेगा, जो साधना और सिद्धियों की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि के विशेष योग:
1. तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि योग – यह योग किसी भी कार्य में सफलता दिलाने के लिए शुभ माना जाता है।
2. एक दिन अमृत सिद्धि योग – यह योग विशेष रूप से तंत्र साधना और सिद्धि प्राप्ति के लिए अनुकूल रहेगा।
गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधना, महाविद्या उपासना और विशेष रूप से मां दुर्गा, काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, छिन्नमस्ता, भैरवी आदि दस महाविद्याओं की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान साधक अपनी सिद्धियों को जाग्रत करने के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठान करते हैं।
गुप्त नवरात्रि का महत्व:
• तंत्र साधना और शक्ति उपासना के लिए श्रेष्ठ समय।
• नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और आत्मबल बढ़ाने के लिए उत्तम।
• व्यापार, करियर और जीवन में सफलता के लिए शुभ अवसर।
यदि आप इस नवरात्रि में विशेष साधना या व्रत रखना चाहते हैं, तो देवी दुर्गा के साथ काली, बगलामुखी, महालक्ष्मी, और सरस्वती माता की आराधना कर सकते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग में करें साधना, मिलेगी शीघ्र सफलता
पुराणों के अनुसार, चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि को प्रकट नवरात्रि कहा जाता है, जबकि माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना के साथ तंत्र, मंत्र और यंत्र की सिद्धि के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
साधना की सफलता के लिए विशेष योगों और संयोगों का अत्यधिक महत्व होता है। जब विशिष्ट योग और नक्षत्र में साधना की जाती है, तो यह साधक को शीघ्र मनोवांछित फल प्रदान करती है। इस दौरान की गई साधना में अधिक प्रयास की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि शुभ योगों की शक्ति साधना को और अधिक प्रभावी बना देती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में विधिपूर्वक की गई साधना साधक को शीघ्र सफलता और सिद्धि प्रदान करती है। इस योग में किए गए अनुष्ठान विशेष फलदायी होते हैं, जिससे साधक को अपनी साधना का पूरा लाभ मिलता है।
शक्तिपीठ हरसिद्धि का विशेष महत्व
हरसिद्धि शक्तिपीठ को देवी तंत्र में विशेष स्थान प्राप्त है। इसे साधना की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि शिव के कार्य को सहजता से पूर्ण करने के कारण माता को “हरसिद्धि” कहा गया। देवी के इस पवित्र दरबार में की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है। यही कारण है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान देशभर से साधक यहां आकर विशेष साधना करते हैं।
6 फरवरी को होगी पूर्णाहुति
माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर 30 जनवरी को माघी गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ होगा, जिसकी पूर्णाहुति 6 फरवरी, गुरुवार को होगी। पंचांग गणना के अनुसार, तिथि में घट-बढ़ के कारण इस वर्ष नवरात्रि आठ दिन की होगी। इस पावन अवसर पर शक्तिपीठ हरसिद्धि में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। सुबह अभिषेक और पूजन के बाद माता हरसिद्धि का नित्य नवीन श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा, शाम के समय दीपमालिका प्रज्वलित कर देवी की आराधना की जाएगी, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठेगा।