स्वतंत्र समय, भोपाल
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने एमपी सरकार और सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामला सागर के बरोदिया नौनागिर गांव में दलित परिवार के तीन सदस्यों की हत्या-मौत से जुड़ा है।
Supreme Court ने मांगा सीबीआई से जवाब
याचिकाकर्ता ने मामले में पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके करीबियों के शामिल होने की बात कहते हुए सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) से कराने और निष्पक्ष जांच के लिए केस सीबीआई को सौंपने की मांग की है। इसे सुनवाई योग्य मानते हुए जस्टिस जेके माहेश्वरी और अरविंद कुमार की बेंच ने मप्र राज्य सरकार और सीबीआई से उनका जवाब मांगा है। मार्च के तीसरे हफ्ते में अगली सुनवाई रखी गई है। नितिन की हत्या और तोडफ़ोड़ मामले में उसकी मां बड़ी बहू, बहन अंजना और गांव के रिश्ते में चाचा राजेंद्र अहिरवार मुख्य गवाह थे। दबंगों ने राजेंद्र अहिरवार पर गवाही बदलने का दबाव बनाया। जब वे नहीं माने तो 9 महीने बाद राजेंद्र की भी कुल्हाड़ी और लाठी-डंडे से हमला कर हत्या कर दी गई। राजेंद्र की हत्या के बाद अंजना उनकी लाश के साथ गांव लौट रही थी। गांव से कुछ दूरी पर खुरई तिराहे पर वह संदिग्ध हालत में चलती एंबुलेंस से गिर गई। पुलिस का दावा था कि वह वैन से कूद गई थी। इससे सिर में चोट आई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
एक ही परिवार के तीन लोग मारे गए थे
दरअसल, जनवरी 2019 में सागर में खुरई देहात थाना क्षेत्र के बरोदिया नौनागिर गांव में रहने वाले रघुवीर अहिरवार की इकलौती बेटी अंजना के साथ कुछ दबंगों ने मारपीट की थी। परिवार का दावा है कि उसके साथ छेड़छाड़ भी हुई थी लेकिन पुलिस ने एफआईआर में इसका जिक्र नहीं किया। इसी मामले में समझौता करने का दबाव बनाए जाने पर 24 अगस्त 2023 को रघुवीर यादव के सबसे छोटे बेटे 18 साल के नितिन उर्फ लालू की बाजार में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद दबंगों ने रघुवीर के घर जाकर तोडफ़ोड़ भी की थी।