गणतंत्र दिवस 2025 के खास मौके पर वीरता, सेवा और उत्कृष्टता के लिए पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन, और नागरिक सुरक्षा के 942 कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें मध्य प्रदेश के दो बहादुर पुलिस अधिकारी, सहायक पुलिस आयुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान और इंस्पेक्टर मनोज बेस भी शामिल हैं, जिन्हें राष्ट्रपति पदक से नवाजा जाएगा।
शैलेंद्र सिंह चौहान (Shailendra Singh Chauhan)
शैलेंद्र सिंह चौहान ने 24 वर्षों के शानदार पुलिस करियर में साइबर क्राइम, क्राइम ब्रांच, एटीएस, और अन्य प्रमुख विभागों में सेवा दी है। उनकी उपलब्धियां अद्वितीय हैं:
- भोपाल जेल ब्रेक कांड: 2016 में, 8 सिमी आतंकवादी जेल से फरार हो गए थे। चौहान उस टीम का हिस्सा थे जिसने इन आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया।
- साइबर अपराध पर शिकंजा: उन्होंने नाइजीरियाई गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 50 लाख रुपये के धोखाधड़ी मामले का हल निकाला। 200 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
- मानव तस्करी रैकेट का खुलासा: नवरात्रि उत्सव के दौरान कर्फ्यू वाली माता मंदिर से अपहृत दो बच्चियों को बचाने में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई। उनकी टीम ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ कर 5 बच्चियों को छुड़ाया।
- ATM क्लोनिंग और ऑनलाइन फ्रॉड पर कार्रवाई: उन्होंने तमाम हाई-टेक अपराधियों को गिरफ्तार कर जनता को राहत दी।
“रुस्तम जी अवार्ड” विजेता
नोटबंदी के दौरान नकली नोट चलाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए चौहान को मध्य प्रदेश का सर्वोच्च पुलिस सम्मान, “रुस्तम जी अवार्ड,” प्रदान किया गया।
मनोज बेस (Manoj Base)
साल 1992 में पुलिस फोर्स जॉइन करने वाले इंस्पेक्टर मनोज बेस ने भोपाल, उज्जैन और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों में पुलिस सेवाएं दी हैं।
- शहर में शांति व्यवस्था: जब भी लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की स्थिति होती है, बेस अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में लाते हैं।
- सीसीटीवी सर्विलांस: शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उन्होंने फरार अपराधियों को पकड़ा और कानून के शिकंजे में पहुंचाया।
- पुलिस और आमजन के बीच तालमेल: बेस का मानना है कि पुलिस का खौफ अपराधियों में हो और आम नागरिकों को सुरक्षा महसूस हो।