डिजिटल थकान से पाएं छुटकारा! अपनाएं ये आसान टिप्स, आंखों और दिमाग को मिलेगी राहत

Health Tip : आज की डिजिटल दुनिया ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है, उतना ही हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर भी डाला है। स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करना और मनोरंजन के लिए घंटों मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करना, हमें “डिजिटल थकान” की ओर ले जाता है। यह समस्या केवल आपकी आंखों पर ही नहीं, बल्कि फोकस और इमोशनल वेल-बीइंग पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।

क्या है डिजिटल थकान?

डिजिटल थकान तब होती है जब लगातार स्क्रीन पर काम करने से हमारी मेंटल एनर्जी खत्म होने लगती है। आज हर व्यक्ति टेक्नोलॉजी पर निर्भर है। स्मार्टफोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे उपकरणों ने हमारे जीवन को सरल बना दिया है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग थकान, डिप्रेशन, अनिद्रा और स्ट्रेस जैसी समस्याएं पैदा कर रहा है।
अमेरिका में एक सर्वे के मुताबिक, 18% लोगों का स्ट्रेस सीधे टेक्नोलॉजी की वजह से बढ़ रहा है। वहीं, स्वीडन की एक रिसर्च बताती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का ज्यादा इस्तेमाल लोगों को मानसिक रूप से थका रहा है और उनकी सेहत पर असर डाल रहा है।

डिजिटल थकान से बचने के आसान तरीके

  1. डिजिटल डिटॉक्स करें
    अपने स्क्रीन टाइम को सीमित करें और दिन में कुछ समय के लिए खुद को स्क्रीन से दूर रखें। साइक्रेटरी रिसर्च की 2019 की एक स्टडी में पाया गया है कि थोड़ी देर के लिए भी डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। आप इस दौरान नेचर वॉक, किताबें पढ़ना या म्यूजिक सुनने जैसी एक्टिविटी कर सकते हैं।
  2. माइंडफुलनेस अपनाएं
    गहरी सांस लेने और ध्यान (मेडिटेशन) जैसी माइंडफुलनेस तकनीकों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह न केवल आपकी चिंता को कम करता है बल्कि फोकस और मानसिक शांति को भी बढ़ावा देता है।
  3. अच्छी नींद लें
    स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी नींद को प्रभावित करती है। हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, खराब नींद स्ट्रेस को बढ़ा सकती है। इसलिए डिजिटल डिवाइस का उपयोग सोने से एक घंटे पहले बंद कर दें और 7-8 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद सुनिश्चित करें।

डिजिटल थकान को नजरअंदाज करना क्यों खतरनाक है?

डिजिटल थकान का लंबे समय तक असर आपकी प्रोडक्टिविटी और रिश्तों पर पड़ सकता है। यह न केवल आपको मानसिक रूप से थकाता है बल्कि आपके फिजिकल हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।